प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
सरकारी तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) इस वित्त वर्ष की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) तक आयातित एलएनजी के कारोबार में कदम रखने की तैयारी कर रही है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वह हेनरी हब या पश्चिम एशिया में हाजिर बाजार में एलएनजी खरीद कर शहरी गैस वितरण कारोबार में भी हाथ आजमाएगी।
कंपनी वित्त वर्ष 2027 तक 30 लाख टन सालाना (एमएमटीपीए) गैस आयात करने की योजना बना रही है। ओएनजीसी में रणनीति और कॉर्पोरेट मामलों के निदेशक अरुणांग्शु सरकार ने कहा कि वह कम कीमतों पर लंबी अवधि के लिए एलएनजी सौदों के विकल्प भी लेकर चल रही है। इस योजना के जरिए वह गेल (इंडिया) और पेट्रोनेट एलएनजी को सीधे टक्कर देगी। पेट्रोनेट में ओएनजीसी की 12.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है। भारत पेट्रोलियम (बीपीसीएल), गेल (इंडिया) और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसीएल) भी पेट्रोनेट में बराबर के हिस्सेदार हैं।
सरकार ने कहा, ‘अनुमानों के अनुसार 2030 तक प्राकृतिक गैस की मांग बढ़कर लगभग 210 अरब घन मीटर (बीसीएम) तक पहुंच सकती है। इस मांग की पूर्ति के लिए लगभग 12.4 करोड़ टन सालाना एलएनजी की जरूरत होगी। इससे कहीं न कहीं आपूर्ति में बड़े अंतर का संकेत मिलता है और रणनीतिक हस्तक्षेप की जरूरत होती है। इसे देखते हुए हम एलएनजी कारोबार में सक्रियता से संभावनाएं तलाश रहे हैं।‘
सरकार ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि उनकी कंपनी लगभग 3 एमएमटीपीए रीगैसीफाइड एलएनजी (आर-एलएनजी) का इंतजाम करने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा,‘इसे हेनरी हब या पश्चिम एशिया से आयात किया जा सकता है।‘
सरकार ने कहा कि अगली दो तिमाहियों में हाजिर सौदों के जरिए इस कारोबार में कदम रखने की योजना है और बाद में कंपनी लंबी अवधि के सौदों के विकल्प पर विचार करेगी। भारत में हर साल लगभग 70 अरब घन मीटर प्राकृतिक गैस की जरूरत है जिसमें से लगभग 30 अरब घन मीटर की पूर्ति एलएनजी के आयात से होती है। घरेलू उत्पादन केवल 50 प्रतिशत मांग ही पूरी कर पाता है और शेष की भरपाई आयातित एलएनजी से हो रही है। इस समय देश के ऊर्जा भंडार में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी लगभग 6.7 प्रतिशत है। वर्ष 2030 तक यह लक्ष्य बढ़ाकर लगभग 15 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है।
विश्लेषकों का कहना है कि ओएनजीसी ऐसे समय में आरएलएनजी कारोबार में उतर रही है जब भारत में एलएनजी टर्मिनल क्षमता का विस्तार हो रहा है। एक विश्लेषक ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा, ‘एचपीसीएल का छारा टर्मिनल जनवरी में शुरू हो गया। पेट्रोनेट अपने दाहेज टर्मिनल का विस्तार कर रही है जो अगले 3-4 महीनों में पूरा हो जाएगा। गेल भी दाभोल टर्मिनल की क्षमता 2027 के मध्य तक बढ़ाकर 63 लाख टन प्रति वर्ष करना चाहती है।’