ओकट्री कैपिटल मैनेजमेंट की अगुआई वाले कंसोर्टियम ने संकट से जूझ रही दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया को करीब 2 अरब डॉलर (करीब 15,000 करोड़ रुपये) की पूंजी मुहैया कराने का प्रस्ताव किया है। वोडाफोन आइडिया पूंजीगत व्यय और कर्ज चुकाने के लिए पूंजी का प्रबंधन करने में जुटी है।
ब्लूमबर्ग की खबर के अनुसार ओकट्री ने वर्डे पार्टनर्स सहित कुछ अन्य फर्मों के साथ इसके लिए गठजोड़ किया है। हालांकि खबर में इसका उल्लेख नहीं किया गया है कि दोनों पक्षों के बीच संभावित सौदे का का ढांचा कैसा होगा। लेकिन कहा गया है कि ओकट्री समर्थित कंसोर्टियम ने संकट में फंसी दूरसंचार कंपनी को करीब 2 से 2.5 अरब डॉलर देने की पेशकश की है।
वोडाफोन आइडिया ने सितंबर में कर्ज एवं इक्विटी के जरिये 25,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना की घोषणा की थी। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के नतीजों के बाद पिछले महीने वोडाफोन आइडिया के मुख्य कार्याधिकारी रविंदर टक्कर ने कहा था कि पूंजी जुटाने की योजना सही दिशा में चल रही है और अगले तीन महीने में इसके पूरा होने की उम्मीद है।
टक्कर ने कहा, ‘हम रुचि दिखाने वाले पक्षों के साथ बातचीत कर रहे हैं। बातचीत सही दिशा में चल रही है।’
इस बारे में जानकारी के लिए वोडाफोन आइडिया को ईमेल किया गया लेकिन कोई जवाब नहीं आया। ओकट्री कैपिटल ने इस पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
वोडाफोन आइडिया को पिछली कुछ तिमाहियों से घाटा उठाना पड़ रहा है। हालांकि सितंबर तिमाही में वोडाफोन का घाटा कम होकर 7,218 करोड़ रुपये रहा। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी को 50,922 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था और जून 2020 तिमाही में कंपनी का शुद्घ घाटा 25,460 करोड़ रुपये का था।
वोडाफोन आइडिया का घाटा भले ही कम हुआ हो लेकिन ग्राहकों के मामले में उसे खासा नुकसान उठाना पड़ा है। भारतीय एयरटेल और रिलायंस जियो के हाथों वह लगातार ग्राहक गंवा रही है। कंपनी नकदी की किल्लत का सामना कर रही है और कर्ज के पुनर्वित्त एवं गांरटी को लेकर बैंकों से हो रही बातचीत पर काफी कुछ टिका है।
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के अंत में कंपनी का सकल कर्ज 1.15 लाख करोड़ रुपये था। इनमें स्पेक्ट्रम भुगतान की टाली की करीब 92,000 करोड़ रुपये की राशि भी शामिल है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दूरसंचार कंपनियों को स्पेक्ट्रम शुल्क भुगतान को दो साल तक स्थगित करने की अनुमति दी थी। इसी तरह समायोजित सकल राजस्व बकाये का भुगतान भी कंपनी को मार्च 2022 में करना है। वोडाफोन पर एजीआर मद में करीब 58,254 करोड़ रुपये का बकाया है, जिसे उच्चतम न्यायालय के आदेश के मुताबिक 10 साल की अवधि में चुकाना है। घरेलू ब्रोकरेज फर्म के एक विश्लेषक ने कहा, ‘अगर कंपनी पूंजी नहीं जुटा पाती है और शुल्क दरों में इजाफा नहीं करती है तो वह कर्ज का भुगतान करने में सक्षम नहीं होगी और पूंजीगत व्यय में भी उसे दिक्कत होगी।’ टक्कर ने पिछले महीने इसके संकेत भी दिए थे कि वह शुल्क दरें बढ़ाने से नहीं हिचकेंगे और दूसरी कंपनियों को भी दरें बढ़ाने का संकेत दिया जाएगा। उन्होंने कहा था कि पहले चरण में प्रति ग्राहक औसत राजस्व बढ़ाकर कम से कम 200 रुपये प्रति माह करने की जरूरत है। वोडाफोन आइडिया का दूसरी तिमाही में प्रति ग्राहक औसत आय 119 रुपये थी, जो भारत में सभी दूरसंचार कंपनियों में सबसे कम है।
