अब पोस्टपेड में हलचल मचाएगी जियो

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 15, 2022 | 1:38 AM IST

रिलायंस जियो पोस्टपेड मोबाइल सेवा बाजार में अपनी उपस्थिति बढ़ाने की कोशिशों में जुट गई है। फिलहाल रिलायंस जियो की पोस्टपेड खंड में सीमित उपस्थिति है और इसने केवल 199 रुपये मासिक शुल्क वाली एक योजना शुरू कर रखी है। इससे कंपनी को कोई खास फायदा नहीं हुआ है और इसके कुल उपभोक्ताओं की संख्या में इसके पोस्टपेड ग्राहकों की तादाद 1 प्रतिशत से भी कम है।
जियो की इस योजना की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि कंपनी अपनी प्रस्तावित ऐंड्रॉयड स्मार्टफोन के साथ पोस्टपेड सेवा का विस्तार कर सकती है। कंपनी गूगल के साथ अपना ऐंड्रॉयड स्मार्टफोन ला रही है। कंपनी उपभोक्ताओं को अंतरराष्ट्रीय रोमिंग, सिम सक्रिय कराने में प्राथमिकता और अन्य सेवाओं की पेशकश कर सकती है। जियो अपनी पोस्टपेड योजना के तहत डेटा साझा करने के अलावा मूल्य वद्र्धित सेवाओं की भी पेशकश कर सकती है।
रिलायंस जियो के प्रवक्ता ने इस पूरे मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। अमूमन पोस्टपेड ग्राहकों से दूरसंचार कंपनियों को प्रति उपभोक्ता अधिक राजस्व (एआरपीयू) मिलता है और उपभोक्ता लंबे समय तक बने रहते हैं। एक दूसरी अहम बात यह है कि यह एक मात्र ऐसा खंड है, जिसमें मौजूद दूरसंचार कंपनियों को जियो से प्रतिस्पद्र्धा का सामना नहीं करना पड़ रहा है। दूरसंचार उद्योग के विशेषज्ञों के अनुसार मौजूदा कंपनियों से उनके पोस्टपेड उपभोक्ताओं को दूर करना भी किसी नई कंपनी के लिए खर्चीला साबित होता है। जियो ने पिछले वर्ष अगस्त में अपनी सालाना आम बैठक में विशेष सेवाओं के साथ नई पोस्डपोड योजना लाने के संकेत दिए थे, लेकिन यह योजना आगे नहीं बढ़ पाई।
इधर पोस्टपेड खंड में पहले से मौजूद कंपनियों ने बड़े दांव लगा रखे हैं। मिसाल के तौर पर वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही में वी (वोडाफोन आइडिया लिमिटेड) के कुल उपभोक्ताओं में पोस्डपेड ग्राहकों की तादाद 7.2 प्रतिशत थी। इसी तरह, भारती एयरटेल के 5.2 प्रतिशत उपभोक्ता पोस्डपेड सेवा के साथ जुड़े हैं। दूसंचार नियामक ट्राई के आंकड़ों के अनुसार दूरसंचार कंपनियों के राजस्व में प्रीपेड के मुकाबले पोस्टपेड ग्राहक करीब तीन गुना अधिक योगदान देते हैं। ट्राई के अनुसार कुल मोबाइल उपभोक्ताओं में पोस्टपेड ग्राहकों की तादाद 5 प्रतिशत है। इतना ही नहीं, दूरसंचार कंपनियों के कुल मोबाइल सेवा राजस्व में इनकी हिस्सेदारी 15 प्रतिशत तक होती है। जियो ने एयरटेल और वी की प्रीमियम पोस्टपेड योजनाओं के खिलाफ शिकायत भी दर्ज करा चुकी है। एयरटेल और वी ने अपनी प्रीमियम योजनाओं के तहत उपभोक्ताओं को विशेष सेवाएं देने की पेशकश की हैं। जियो ने ऐसे समय में पोस्टपेड खंड में अपनी उपस्थिति बढ़ाने की पहल की है जब ट्राई के आंकड़ों से यह बात सामने आई है कि पोस्टपेड और प्रीपेड उपभोक्ताओं के बीच एआरपीयू अंतर घट रहा है। वित्त वर्ष 2020 की मार्च तिमाही में औसत पोस्टपेड एआरपीयू प्रीपेड एआरपीयू के मुकाबले 2.9 गुना अधिक था। इसके मुकाबले वित्त वर्ष 2020 की दिसंबर तिमाही में पोस्टपेड एआरपीयू प्रीपेड एआरपीयू के मुकाबले 3.7 गुना अधिक थी।

First Published : September 21, 2020 | 12:08 AM IST