टेक महिंद्रा ने सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज में बड़ी हिस्सेदारी तो हासिल कर ली, लेकिन इसके लिए रकम का इंतजाम करने की जिम्मेदारी उसके माथे आ गई है। इसके लिए उसने शुरुआत भी कर दी है।
कंपनी 875 करोड़ रुपये म्युचुअल फंड और बीमा कंपनियों से लेगी जबकि 1,000 करोड़ के ब्रिज लोन के लिए कुछ बैंकों के साथ बातचीत शुरू हो चुकी है। इस सौदे के लिए 2,875 करोड़ रुपये अदा होने हैं और बचे 1,000 करोड़ रुपये का बंदोबस्त कंपनी खुद के संसाधनों से करेगी।
कंपनी लॉ बोर्ड जब इस सौदे को मंजूरी दे देगा तब टेक महिंद्रा को सत्यम में हिस्सेदारी खरीदने के लिए 4 दिनों के अंदर ही 2,875 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा। इसमें भी 30.28 करोड़ तरजीही शेयरों के लिए 1,750 करोड़ रुपये अदा किए जाएंगे जिससे टेक महिंद्रा को सत्यम में 31 फीसदी हिस्सेदारी हासिल होगी।
51 फीसदी हिस्सेदारी के लिए टेक महिंद्रा को 20 फीसदी हिस्सेदारी खुले बाजार से खरीदनी होगी जिसके लिए 1,150 करोड़ रुपये का बंदोबस्त भी करना होगा। इस प्रक्रिया से जुड़े एक बैंकर ने बताया कि आंतरिक संसाधनों से जो 1,000 करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे, उनमें चौथी तिमाही से मिलने वाली नकदी भी शामिल है।
शुरुआती 9 महीने पूरे होने पर कंपनी के पास 675 करोड़ रुपये बतौर आंतरिक संसाधन थे और पिछले महीने खत्म हुई तिमाही में तकरीबन 250 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा कंपनी 600 करोड़ रुपये के एनसीडी जारी करेगी, जो 4 से 5 साल में परिपक्व होंगे। 275 करोड़ रुपये 1 साल की अवधि वाले कॉमर्शियल पेपर के जरिये म्युचुअल फंड से जुटाए जाएंगे।
जहां तक ब्रिज लोन का सवाल है, तो सूत्रों के अनुसार डॉलर और रुपये दोनों में ही कर्ज उठाने के लिए बैंकों से बातचीत चल रही है। इसके अलावा कुछ रकम सीधे टेक महिंद्रा भी जुटाएगी। कंपनी की कीमत दिसंबर 2008 की समाप्ति पर 1,753 करोड़ रुपये थी।
टेक महिंद्रा को जुटाने हैं 2,875 करोड़ रुपये
875 करोड़ रुपये म्युचुअल फंड और बीमा कंपनियों से
1,000 करोड़ रुपये के ब्रिज लोन के लिए बातचीत शुरू
बाकी 1,000 करोड़ रुपये आंतरिक संसाधनों से
