नेस्ले इंडिया का शुद्ध लाभ जनवरी-मार्च तिमाही में 14.6 फीसदी बढ़ा, जिसे दो अंकों मे देसी बिक्री में हुई बढ़ोतरी और कच्चे माल की लागत में कम बढ़ोतरी का फायदा मिला। फर्म का शुद्ध लाभ मार्च तिमाही में पिछले साल की समान अवधि के 525 करोड़ रुपये के मुकाबले 602 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
इस अवधि में कंपनी की शुद्ध बिक्री सालाना आधार पर बढ़कर 3,600 करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जो पिछले साल 2,306 करोड़ रुपये रही थी। कुल राजस्व में 94 फीसदी का योगदान करने वाली देसी बिक्री 10.2 फीसदी बढ़कर 3,442 करोड़ रुपये पर पहुंच गई जबकि निर्यात 13 फीसदी घटी, जिसने उसके राजस्व की रफ्तार को एक अंक में ला दिया।
कंपनी के मुताबिक, तिमाही के दौरान बिक्री में व्यापक आधार पर बढ़त दर्ज हुई, जिसमें वॉल्यूम आदि का योगदान रहा। नेस्ले इंडिया के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक सुरेश नारायणन ने कहा, प्रमुख उत्पादों मसलन मैगी नूडल्स, किटकैट, नेस्कैफे क्लासिक, मैगी साउसेज, मिल्कमेड, मैगी मसाला ए मैजिक आदि का प्रदर्शन मजबूत रहा और इसने दो अंकों में बढ़त दर्ज की क्योंकि देश में उपभोग बढ़ा। घर से बाहर वाले चैनल की तरफ से मांग और सुधरी, लेकिन इस पर कोविड महामारी का असर जारी है।
इसके अलावा मौजूदा महामारी से उसकी ऑनलाइन बिक्री मजबूत हुई है। तिमाही में ई-कॉमर्स चैनल के जरिये बिक्री सालाना आधार पर 66 फीसदी बढ़ी और उसने देसी बिक्री में अप्रत्याशित तौर पर 3.8 फीसदी का योगदान किया।
नारायणन ने कहा, प्रमुख कच्चे माल की बढ़ती लागत हालांकि संभावित चुनौती के तौर पर उभरी। उन्होंने कहा, नेस्ले इंडिया फैमिली हालांकि महामारी के दौरान परिचालन में हो रहे उतारचढ़ाव के साथ रहना सीख गई है, लेकिन कच्च्चे माल की कीमतों में हुई हालिया बढ़ोतरी चुनौती पेश कर रही है, जिस पर विचार करेंगे लेकिन हम अपने कारोबारी मॉडल को बनाए रखेंगे।
जनवरी-मार्च के दौरान कुल बिक्री में कच्चे माल की लागत की हिस्सेदारी पिछले साल की समानतिमाही के मुकाबले घटी। नेस्ले ने पैकेजिंग मैटीरियल व जिंसों की बढ़ती लागत को लेकर अवरोध का सामना किया। विश्लेषकों ने कहा, चूंकि कच्चे माल का एक हिस्सा अग्रिम खरीदा जाता है, लेकिन कच्चे माल की कम लागत का फायदा अभी शायद प्रतिबिंबित नहीं होगा और इसका बड़ा असर आगामी तिमाहियों के मार्जिन पर दिख सकता है।
