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6 GHz के उपयोग पर अधिक अध्ययन की जरूरत

दिसंबर में अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU) ने लाइसेंस प्राप्त मोबाइल परिचालन के लिए 6.425 से 7.125 GHz अलग रखा था।

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बीएस संवाददाता   
Last Updated- February 25, 2024 | 11:19 PM IST

दूरसंचार परिचालकों ने हालांकि 5जी आधारित मोबाइल ब्रॉडबैंड संचार के लिए 6 गीगाहर्ट्ज बैंड को तत्काल मुक्त करने की मांग की है, लेकिन सरकार फिलहाल इस मामले पर कोई फैसला लेने को उत्सुक नहीं है। दूरसंचार विभाग के अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि इसके बजाय सरकार को अंतरराष्ट्रीय मोबाइल दूरसंचार (आईएमटी) या वाई-फाई उपयोग के लिए कीमती स्पेक्ट्रम बैंड आवंटित करने के असर का अध्ययन करने के लिए और अधिक वक्त की जरूरत है।

स्पेक्ट्रम के 6 गीगाहर्ट्ज बैंड में अप्रयुक्त स्पेक्ट्रम का सबसे बड़ा ब्लॉक शामिल है तथा 5जी कनेक्टिविटी और वाईफाई विस्तार के लिए इसकी महत्वपूर्ण क्षमता के कारण क्रमश: दूरसंचार कंपनियों और तकनीकी कंपनियों द्वारा इसके लिए मशक्कत की जा रही है। यह 5.925 गीगाहर्ट्ज से लेकर 7.125 गीगाहर्ट्ज तक फैली फ्रीक्वेंसी की विशिष्ट श्रृंखला है, जो एक मध्य-बैंड फ्रीक्वेंसी की रेंज होती है।

दिसंबर में अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) ने लाइसेंस प्राप्त मोबाइल परिचालन के लिए 6.425 से 7.125 गीगाहर्ट्ज अलग रखा था। आईटीयू सूचना और संचार प्रौद्योगिकियों के लिए संयुक्त राष्ट्र की विशेष एजेंसी और भारत भी इसका हिस्सा है।

रेडियो स्पेक्ट्रम के उपयोग पर अंतरराष्ट्रीय समझौतों की समीक्षा और संशोधन के लिए हर तीन से चार साल में आयोजित होने वाले 10वें विश्व रेडियो संचार सम्मेलन (डब्ल्यूआरसी-23) में यह निर्णय लिया गया था।

First Published : February 25, 2024 | 11:19 PM IST