मेरु कैब्स का संचालन करने वाली मेरु मोबिलिटी टेक एक नई कहानी की पटकथा लिख रही है। महिंद्रा समूह द्वारा अधिग्रहित किए जाने के एक साल बाद रेडियो टैक्सी बाजार में सबसे पहले प्रवेश करने वाली कंपनियों में शुमार यह कंपनी बड़े स्तर पर नियमित कॉरपोरेट यात्री खंड में पैठ बनाने पर विचार कर रही है।
कंपनी के संस्थापक और प्रबंध निदेशक नीरज गुप्ता का कहना है कि यह कंपनी किसी ऐसे खंड में प्रतिस्पर्धा करने की इच्छुक नहीं है जिसमें एएनआई टेक्नोलॉजीज का वर्चस्व हो जो ओला या उबर टेक्नोलॉजीज संचालित करती है। इसके बजाय यह एक ऐसी जगह पर ध्यान केंद्रित करेगी जिसमें अपेक्षाकृत पैठ कम हो और जिससे कारोबार लाभप्रद ढंग से चलाता हो।
गुप्ता ने कहा कि महिंद्रा के साथ हम इस बात को लेकर बहुत स्पष्ट हैं कि हम भीड़-भाड़ वाली जगह पर प्रतिस्पर्धा नहीं करना चाहते हैं, क्योंकि इसमें न लाभ, न हानि वाले विकास काल की अवधि लंबी होती है। हमारा उद्देश्य एक ऐसे लाभदायक ईवी (इलेक्ट्रिक वाहन) की अगुआई वाले कारोबारी मोबिलिटी प्लेटफॉर्म का निर्माण करना है जहां हम लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि इस खंड में कंपनी की नजर अग्रणी स्थिति पर है।
उन्होंने बताया कि कॉरपोरेट खंड पर यह ध्यान केंद्रित करना उस शोध पर आधारित है जिसमें दिखाया गया है कि यात्रा सेवा लेने वाले अधिकांश उपयोगकर्ता कंपनियों के कर्मचारी होते हैं और नियमित रूप से निजी तौर पर मुश्किल से ही इन सेवाओं का इस्तेमाल किया जाता है।
इस नए खंड पर ध्यान केंद्रित करने के मद्देनजर मेरु ने 15 अगस्त को एक नई बिजनेस मोबिलिटी ऐप की शुरुआत की थी। इस एप्लिकेशन में मेरु स्विच नामक एक सुविधा से उपयोगकर्ताओं को मात्र एक आइकॉन खिसकाने से ही कार्यस्थल या निजी यात्रा के बीच अदला-बदली करने की सुविधा मिल जाती है। दावा किया जा रहा है कि इसमें कारोबारी यात्रा के लिए एक ही स्थान पर सभी समाधान मिल जाएंगे जिससे कंपनियों और उनके कर्मचारियों को सुविधा होगी।इस कारोबारी खंड के अंदर कंपनी का ईवी पर खासा जोर रहेगा। मेरु के बेड़े की 5,000 कारों में से तकरीबन 300 ईवी हैं। गुप्ता ने कहा कि वर्ष 2025 तक बेड़े में ईवी की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत हो जाएगी।
