विलय से बैंकों में समेकन को बढ़ावा मिलेगा: विश्लेषक

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 8:13 PM IST

विश्लेषकों का मानना है कि एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक के विलय से बैंकिंग उद्योग में समेकन की प्रक्रिया में तेजी आ सकती है। ऐक्सिस बैंक द्वारा सिटीबैंक के भारतीय उपभोक्ता व्यवसाय का अधिग्रहण किए जाने के महज कुछ ही दिन बाद भारत में निजी क्षेत्र के सबसे बड़े ऋणदाता एचडीएफसी बैंक ने सोमवार को घोषणा की कि वह आवास वित्त कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड के साथ विलय करेगा।
इस सौदे के तहत, एचडीएफसी लिमिटेड के शेयरधारकों को मौजूदा 25 शेयरों के लिए बैंक के 42 शेयर मिलेंगे। एचडीएफसी के मौजूदा शेयरधारकों का एचडीएफसी बैंक में 41 प्रतिशत स्वामित्व होगा। इस ऋणदाता में आवास वित्त कंपनी के शेयर समाप्त हो जाएंगे और इससे एचडीएफसी बैंक संपूर्ण पब्लिक कंपनी बन जाएगी।
उदाहरण के लिए, इक्विनोमिक्स रिसर्च ऐंड एडवायजरी के संस्थापक एवं मुख्य निवेश अधिकारी जी चोकालिंगम का मानना है कि बैंक और उद्योग तभी तेजी से बढ़ सकते हैं जब वे समेकन पर जोर दें। वह कोर बैंकिंग सॉल्युशन के अलावा बैंकिंग उद्योग में समेकन तेज किए जाने की भी जरूरत पर जोर दे रहे हैं।
चोकालिंगम कहते हैं, ‘यह जरूरी है कि बैंक समेकन के जरिये विलय एवं अधिग्रहण को बढ़ावा दें। फिलहाल तीन ढांचागत बदलाव हो रहे हैं – लघु वित्त बैंक बैंकिंग उद्योग में आ रहे हैं, फिनटेक कंपनियां पेमेंट सॉल्युशन व्यवसाय पर ध्यान दे रही हैं और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने कुछ हद तक समेकन पर जोर दिया है। इन ढांचागत बदलावों के साथ साथ, बैंक ऋण वृद्घि पर दबाव से कंपनियों के लिए गुंजाइश कम रह गई है। समेकन खासकर गैर-बैंकिंग क्षेत्र में होगा।’
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के विश्लेषकों के अनुसार, बैंकिंग सेक्टर ने पिछले 6 महीनों में संपूर्ण बाजार की तुलना में शेयर बाजार में कमजोर प्रदर्शन किया है और इसकी वजह मुख्य तौर पर सुस्त ऋण वृद्घि, जोखिम, दबावग्रस्त परिसंपत्तियों से जुड़ी अनिश्चितताएं थीं। महामारी से संबंधित समस्याओं ने भी ऋण वृद्घि की रफ्तार धीमी की थी और परिसंपत्ति गुणवत्ता संबंधित चुनौती पैदा कर रिकवरी की राह में विलंब किया था। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘बैंक खासकर बड़े प्रतिस्पर्धी या तो फिनटेक के साथ समझौतों के जरिये या घरेलू प्रयासों के साथ डिजिटल पेशकशें बढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं। हमारी नजर में, डिजिटल पेशकशों पर लगातार जोर दिए जाने से नई कंपनियों को चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलेगी। साथ ही डिजिटल बैंकिंग का नया स्वरूप भी धीरे धीरे मजबूत हो रहा है।’
वहीं आईडीबीआई कैपिटल के शोध प्रमुख ए के प्रभाकर का कहना है कि मजबूत तकनीकी आधर के साथ बैंक अपनी बाजार भागीदारी बढ़ा सकते हैं। उनका कहना है कि भारत में शीर्ष पांच प्राइवेट बैंकों के पास बैंकिंग सेगमेंट का श्रेष्ठ आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर है और वे मजबूत वृद्घि की राह पर तेजी से बढऩे को तैयार हैं।

First Published : April 4, 2022 | 11:31 PM IST