बीएस बातचीत
ऐसे समय में जब भारतीय रेलवे की सहायक इकाई रेलटेल आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है, कंपनी के प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्र वीडियोकॉन्फ्रेंसिंग और ब्रॉडबैंड सेवाओं में महामारी-केंद्रित डिजिटल पहलों की वजह से कई गुना बढ़ावा मिला है। शाइन जैकब के साथ बातचीत में कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक पुनीत चावला ने कोविड के दौरान अपने व्यवसाय में आए सुधार और आईपीओ योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया। पेश हैं उनसे हुई बातचीत के मुख्य अंश:
कोविड-19 कई कंपनियों के लिए बेहद कठिन समय था। ऐसे में आपने कैसे अच्छा प्रदर्शन किया?
कोविड ने नए अवसर भी प्रदान किए हैं। हमारी तीन सेवाओं, जैसे ई-ऑफिस, वीडियोकॉन्फ्रेंसिंग, और ब्रॉडबैंड में तेजी दर्ज की गई है। महामारी ने न सिर्फ विभिन्न उद्योगों के व्यवसायों को सुरक्षित परिचालन और व्यावसायिक निरंतरता के लिए प्रौद्योगिकी-केंद्रित प्लेटफॉर्म पर ध्यान देने के लिए बाध्य किया है बल्कि इससे डिजिटल को अपनाने की कोशिश भी तेज हुई है।
यह व्यवसाय कितना बढ़ा है?
नैशनल इन्फॉर्मेटिक्स के ई-ऑफिस के इस्तेमाल ने भारतीय रेल ने लॉकडाउन के बाद बड़ी वृद्घि दर्ज की, क्योंकि बंद कार्यालयों से रेल अधिकारियों को नई डिजिटल फाइलिंग प्रणाली को अपनाने के लिए बाध्य होना पड़ा। अप्रैल से अक्टूबर तक, ई-फाइल्स की संख्या 5.2 गुना और ई-रिसीप्ट की संख्या 6.9 गुना बढ़ गई। 30 अक्टूबर तक, भारतीय रेलवे के 106 कार्यालयों (जोनल मुख्यालयों, जोनल कार्यालयों, केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थानों और उत्पादन इकाइयों) में 116,412 ई-ऑफिस उपयोगकर्ता थे। हमारी रिटेल ब्रॉडबैंड सेवा रेलवायर के ग्राहकों की संख्या में पिछले कुछ महीनों में अच्छी तेजी दर्ज की गई है। रेलवायर ग्राहक आधार 30 अक्टूबर तक 275,467 था। हमने चार महीनों में 103,384 ग्राहक जोड़े।
आईपीओ के लिए आपकी क्या तैयारी है?
हमने 8.66 करोड़ शेयरों के आकार का आईपीओ लाने के लिए आवदेन कर दिया है। बाजार नियामक सेबी ने अपनी मंजूरी दे दी है। 31 मार्च तक प्रति इक्विटी शेयर शुद्घ परिसंपत्ति वैल्यू 42.67 रुपये थी। नियामकीय अधिकारी आईपीओ से जुटाई जाने वाली संभावित राशि पर निर्णय लेंगे। जहां तक समय-सीमा का सवाल है, तो यह अभी नियामकीय मंजूरी के अधीन है और मौजूदा बाजार हालात पर भी विचार किया जा रहा है। आईपीओ से संबंधित बदलाव को लेकर कंपनी की निर्णय लेने की प्रक्रिया के हरेक पहलू में सावधानी बरती जा रही है।
आपने नया स्पेक्ट्रम मांगा है। इससे क्या बदलाव आएगा?
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने स्पेक्ट्रम के आवंटन पर अपनी सिफारिशों को अंतिम रूप दे दिया है। उसने कहा है कि 700 मेगाहट्र्ज बैंड में 35-मेगाहट्र्ज, 5 मेगाहटर्ज (पेयर्ड) स्पेक्ट्रम भारतीय रेलवे को आवंटित किया जाना चाहिए। यह यूरोपीय ट्रेन कंट्रोल सिस्टम (ईटीसीएस) लेवल 2, वॉइस-और इंटरनेट ऑफ थिंग्स-आधारित परिसंपत्ति निगरानी सेवाओं, पैसेंजर इन्फॉर्मेशन डिस्पले सिस्टम के क्रियान्वयन के लिए है।
आपकी रेल वाईफाई परियोजना की स्थिति क्या है?
रेलवे स्टेशनों को डिजिटलयुक्त प्लेटफॉर्म में तब्दील करने के लिए, रेलटेल ने पूरे देश में 5,819 स्टेशनों पर आधुनिक सार्वजनिक वाई-फाई सुविधा मुहैया कराई है। इस वाईफाई सेवा का इस्तेमाल इंटरनेक्ट कने क्शन के साथ कोई भी स्मार्टफोन उपयोगकर्ता कर सकता है। इसे लेकर हमें उपयोगकर्ताओं से अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। बदलते समय के साथ इस संख्या में और ज्यादा तेजी आई है। हम प्रति महीने 2.9 करोड़ यूजर लॉगिन के औसत के साथ प्रतिदिन 1.4 करोड़ विशिष्ट उपयोगकर्ता दर्ज कर रहे हैं।