निर्माण एवं अभियांत्रिकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी लार्सन ऐंड टुब्रो की सहायक इकाई एलऐंडटी फाइनैंस होल्डिंग्स अपने रियल एस्टेट और बुनियादी ढांचा फाइनैंस के ऋण खातों को बेचने की योजना बना रही है। इस कदम का मकसद कर्ज कम करना और रिटेल ग्र्राहकों पर ध्यान देना है। वित्तीय सेवा कंपनी अपने ऋण खाते बेचने के लिए भारतीय स्टेट बैंक सहित कई बैंकों के साथ बात कर रही है।
एलऐंडटी फाइनैंस का रियल एस्टेट खाता इस साल मार्च तक घटकर 11,210 करोड़ रुपये रह गया है और बुनियदी ढांचा फाइनैंस का खाता सिकुड़कर 30,521 करोड़ रुपये रह गया है। मार्च 2021 में समाप्त वित्त वर्ष में रियल एस्टेट फाइनैंस की लोन बुक 12,945 करोड़ रुपये और बुनियादी ढांचा फाइनैंस की लोन बुक 37,543 करोड़ रुपये थी।
एक बैंकर ने नाम नहीं छापने का आग्रह करते हुए कहा, ‘एलऐंडटी फाइनैंस समय के साथ अपना रियल एस्टेट खाता समेट सकती है। मार्च तिमाही में इसकी रियल एस्टेट उधारी 13 फीसदी घटी है जबकि बुनियादी ढांचा फाइनैंस की उधारी साल भर पहले के मुकाबले 19 फीसदी घटी है। हालांकि रिटेल लोन बुक में इस दौरान वृद्घि देखी गई।’
घटनाक्रम के जानकार सूत्रों ने कहा कि ऋण खाते बेचने से प्रवर्तक कंपनी एलऐंडटी को अपना कर्ज कम करने में मदद मिलेगी। एकीकृत स्तर पर पिछले साल सितंबर तक एलऐंडटी का कर्ज 1.27 लाख करोड़ रुपये था। एलऐंडटी फाइनैंस ने अपना म्युचुअल फंड कारोबार बेचने के लिए एसएचबीसी ऐसेट मैनेजमेंट (इंडिया) के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
एलऐंडटी फाइनैंस ने आज पुष्टि की कि वह अपनस रियल एस्टेट ऋण कारोबार घटाएगी और विभिन्न तरीकों से निवेश निकालने की संभावना तलाशेगी। जहां तक बुनियादी ढांचा फाइनैंस की बात है तो कंपनी इसका आकार कम करेगी और रणनीतिक निवेशकों के साथ गठजोड़ या विनिवेश के मौके तलाशेगी।
एलऐंडटी फाइनैंस होल्डिंग्स के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी दीनानाथ दुभाषी ने कहा कि कंपनी रिटेल ऋण पर ध्यान केंद्रित करेगी और 2026 तक सालाना 25 फीसदी चक्रवृद्घि दर से वृद्घि करने पर जोर देगी। इस दर से 2026 तक कंपनी की रिटेल लोन बुक एक लाख करोड़ रुपये हो सकती है।
एलऐंडटी फाइनैंस होल्डिंग्स का शेयर 3.31 फीसदी बढ़कर 84.65 रुपये पर बंद हुआ और कंपनी का कुल मूल्यांकन 20,942 करोड़ रुपये रहा। एलऐंडटी की वित्तीय सेवा इकाई में 66.26 फीसदी हिस्सेदारी है जिसका मूल्य 13,870 करोड़ रुपये है।
एक अन्य बैंकिंग सूत्र ने कहा कि बढ़ते फंसे कर्ज के मद्देनजर बैंक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की थोक उधारी खाते का वित्तपोषण करने के लिए अनिच्छुक हैं। रियल एस्टेट फाइनैंस की भी स्थिति कुछ इसी तरह है। डेवलपरों को बकाया कर्ज चुकाने में समस्या हो रही है जिससे वे चूक कर रहे हैं और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों का फंसा कर्ज बढ़ गया है।
अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए रिटेल ग्राहकों को ध्यान देने वाली एलऐंडटी फाइनैंस अकेली कंपनी नहीं है। अधिकांश एनबीएफसी थोक कारोबार में अपना निवेश घटा रही है और रिटेल लोन पर ध्यान दे रही हैं क्योंकि इसमें फंसा कर्ज अपेक्षाकृत कम है। सालाना आधार पर एलऐंडटी फाइनैंस की खुदरा उधारी इस साल मार्च में 10 फीसदी बढ़कर 45,000 करोड़ रुपये रही।
वित्तीय सेवा इकाई के अलावा एलऐंडटी नाभा पावर, एलऐंडटी इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स (आईडीपीएल) और हैदराबाद मेट्रो जैसी बड़ी संपत्तियों को भी बेचने की संभावना तलाश रही है। सूत्रों ने कहा, ‘इनमें से सबसे बड़ी संपत्ति की बिक्री आईडीपीएल की होगी।’ आईडीपीएल भारत की सबसे बड़ी सड़क निर्माणकर्ताओं में से एक है और इसने 15 परियोजनाओं के तहत 7,182 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया है।