मांस और सीफूड की ऑनलाइन खुदरा विक्रेता लिशियस ने दो अंकों की वृद्धि दर्ज की है और कंपनी का राजस्व वित्त वर्ष 25 में सालाना आधार पर 16 प्रतिशत बढ़कर 795 करोड़ रुपये हो गया, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह 685 करोड़ रुपये था।
कंपनी ने अपनी लागत संरचना को भी कड़ा करना जारी रखा, जिससे घाटे में खासी कमी आई। नियामकीय दस्तावेजों के अनुसार एबिटा घाटा वित्त वर्ष 25 में 45 प्रतिशत कम होकर 163 करोड़ रुपये रह गया, जो वित्त वर्ष 24 के 296 करोड़ रुपये से और बेहतर है।
चालू वित्त वर्ष में वृद्धि की तेज रफ्तार पर चलते हुए वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही में लिशियस ने 42 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 530 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया, जबकि पिछले वर्ष की पहली छमाही में यह 374 करोड़ रुपये था।
कंपनी अब 20 शहरों में हर महीने 12 लाख ग्राहकों को सेवा प्रदान करती है और इसका ऑनलाइन कारोबार कुल बिक्री में 85 प्रतिशत से अधिक का योगदान दे रहा है।
लिशियस की यह वृद्धि कंपनी के ओमनीचैनल परिचालन मॉडल की ओर बदलाव के शुरुआती प्रभाव को दर्शाती है। यह इसके ऑनलाइन वितरण नेटवर्क को तेजी से बढ़ते खुदरा क्षेत्र के साथ जोड़ता है।