मंदी में दूसरे आईटी दिग्गजों से उलट विप्रो लिमिटेड पर लक्ष्मी का प्रेम कुछ ज्यादा ही बरसा और सॉफ्टवेयर निर्यात के मामले में देश की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी को बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में उम्मीद से बेहतर मुनाफा हुआ।
विप्रो को इस तिमाही के दौरान 1,010 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ, जो उससे पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के 880 करोड़ रुपये से लगभग 15 फीसदी ज्यादा है। इस तिमाही के दौरान कंपनी की कुल आय भी 6,583.2 करोड़ रुपये हो गई, जो पिछली बार 5,797.4 करोड़ रुपये थी। इसमें 13.55 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया।
यदि समूचे वित्त वर्ष की बात की जाए, तो विप्रो ने इस दौरान 3,899.9 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया। वित्त वर्ष 2007-08 के दौरान यह आंकड़ा 3,282.9 करोड़ रुपये था। कंपनी के चेयरमैन अजीम प्रेमजी ने नतीजों का ऐलान करते हुए कहा, ‘हमारे लिए 2008-09 एक अनूठा साल रहा। हमने अपने आईटी कारोबार में खासी तब्दीली की। माहौल अच्छा नहीं था, लेकिन हमने आईटी उद्योग में शानदार प्रदर्शन किया।’
कंपनी के मुख्य वित्त अधिकारी सुरेश सेनापति ने कहा, ‘हमने परिचालन के तकरीबन सभी पैमानों पर अच्छा काम किया। मंदी की वजह से सौदे धीमे हो रहे थे और विदेशी मुद्रा भी परेशान कर रही थी, लेकिन हमने अपना मार्जिन बढ़ाने में कामयाबी हासिल की।’
विप्रो के नतीजों का असर उसके शेयरों पर भी देखने को मिला। हालांकि समूचे बाजार में आज गिरावट देखने को मिली, लेकिन कंपनी के उम्मीद से बेहतर परिणाम को देखकर बम्बई स्टॉक एक्सचेंज में उसके शेयर लगभग 7.54 फीसदी उछल गए। कारोबार की समाप्ति पर भी शेयर 5.45 फीसदी चढ़कर 289.20 रुपये पर बंद हुए।
बाजार में उछाल की वजह अगली तिमाही के लिए कंपनी की उम्मीद थी। अब तक इन्फोसिस और टीसीएस ने आगे की राह मुश्किल भरी बताई थी, लेकिन विप्रो ने कहा कि नई तिमाही में उसे और ी बेहतर परिणाम मिलने की उम्मीद है। प्रेमजी ने कहा कि चालू वर्ष की पहली तिमाही से आईटी जगत की सूरत बदलनी शुरू हो जाएगी।
उम्मीद से ज्यादा
शुद्ध लाभ 1010 करोड़ रु.
पिछले साल 880 करोड़ रु.
15 फीसदी का इजाफा
कुल आय 6583 करोड़ रु.
पिछले साल 5797 करोड़ रु.
13.5 फीसदी का इजाफा
जताई बेहतरी की आस
..प्रेमजी की झोली हुई भारी
अजीम प्रेमजी की झोली में वित्त वर्ष 2008-09 में 464 करोड़ रुपये आने वाले हैं। बुधवार को विप्रो के बोर्ड ने कंपनी के प्रत्येक शेयर पर 4 रुपये का डिविडेंड देने का ऐलान किया है।
प्रेमजी के पास विप्रो के करीब 1.1 अरब शेयर हैं जो कंपनी के कुल शेयरों के 80 फीसदी के बराबर हैं। इस तरह शेयरों पर मिलने वाले डिविडेंड के जरिये प्रेमजी को 464 करोड़ रुपये की कमाई होने जा रही है। प्रेमजी लगातार अपनी निजी कमाई में से काफी हिस्सा अजीम प्रेमजी फाउंडेशन में खर्च कर रहे हैं।
