भारत की दूसरी सबसे बड़ी विमानन कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस ने अपनी घरेलू उड़ानों में 20 फीसदी की कमी कर दी है और अब वह तकरीबन 440 उड़ानों का संचालन कर रही है।
कंपनी ने हाल ही में बेंगलुरु से लंदन के लिए अपनी वैश्विक उड़ान शुरू की है। विमानन कंपनी एक कोड शेयरिंग समझौते के लिए सिंगापुर एयरलाइंस के साथ बातचीत शुरू करने की संभावना तलाश रही है।
विमानन कंपनी ने इसकी पुष्टि कर दी है कि उसने अपनी घरेलू उड़ानों में 20 फीसदी की कटौती की है और बेंगलुरु-लंदन उड़ान 50 फीसदी के लोड फैक्टर पर संचालित की जा रही है। हालांकि कंपनी ने कोड-शेयरिंग चर्चाओं पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
कंपनी विदेशों में उड़ान भरने के लिए बनाई गई अपनी योजनाओं पर आगे बढ़ रही है। हालांकि इसने बेंगलुरु से सैन फ्रांसिस्को के लिए सीधी सेवा को रद्द कर दिया है।
दिसंबर महीने के लिए संचालन लाभदायक रहने की उम्मीद कर रही किंगफिशर इक्विटी घटा कर धन जुटाने के प्रयास में लगी हुई है।
यह दूसरी बार है जब 1200 करोड़ रुपये जुटाने की अपनी पहली कोशिश के बाद यह एयरलाइन इक्विटी बेच कर कोष जुटाने की कोशिश कर रही है। कंपनी अपनी पहली कोशिश को अंतिम रूप देने में सफल नहीं रही थी।
कंपनी ने 2007 के अंतिम समय में 1000 करोड़ रुपये जुटाए थे। यह समझा जा रहा है कि कंपनी ने ऋण जुटाने और एक समानांतर विकल्प खुला रखने के लिए कई वित्तीय संस्थानों के साथ बातचीत पहले ही शुरू कर चुकी है।
रकम जुटाने की यह पहल उस वक्त सामने आई है जब किंगफिशर एयरलाइंस के चेयरमैन विजय माल्या विमान ईंधन (एटीएफ) पर बिक्री कर को 26 फीसदी से घटा कर 4 फीसदी किए जाने की वकालत कर रहे हैं।
माल्या ने हाल ही में कहा था कि यदि विमान ईंधन पर बिक्री कर में कटौती की जाती है तो भारत में विमानन उद्योग को 2 अरब डॉलर की बचत होगी।
किंगफिशर एयरलाइंस ने 30 सितंबर, 2008 को समाप्त हुई 6 महीने की अवधि के लिए 641 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया था।