यूनाइटेड हेल्थ इंटरफेस (यूएचआई) इस सप्ताह परिचालन में आ जाएगा, जो स्वास्थ्य सेवाओं की पारस्परिकता की उसी तरह अनुमति प्रदान करेगा, जैसी भुगतान के लिए यूनाइटेड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) ने प्रदान की है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के मुख्य कार्याधिकारी डॉ. आरएस शर्मा ने कहा ‘यूएचआई इस सप्ताह परिचालन में आ जाएगा। हम यूएचआई को एक प्लेटफॉर्म मंच के रूप में पेश कर रहे हैं और पूरे समुदाय को अपनी प्रतिक्रिया के साथ योगदान करने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं। हम इस पर काफी तेजी से काम कर रहे हैं और मुझे विश्वास है कि हम यूपीआई (यूनाइटेड पेमेंट्स इंटरफेस) की तरह ही सफल रहेंगे।’
उन्होंने कहा कि यूएचआई यूपीआई की तर्ज पर है। यूपीआई पैसा हस्तांतरण करने की भाषा है, इसी तरह यूएचआई प्रोटोकॉल का एक ऐसा समूह है, जो स्वास्थ्य सेवा डिलिवरी की भाषा बनाने जा रहा है।
शर्मा इंटरनेट ऐंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) द्वारा आयोजित इंडिया डिजिटल समिट 2022 के 16वें संस्करण में बोल रहे थे। गोपनीयता और डेटा संरक्षण इस शिखर सम्मेलन के पहले दिन बार-बार ध्यान केंद्रित करने वाला विषय रहा, जिसने इस संस्करण के सुपरचार्जिंग स्टार्ट-अप के थीम को अपनाया।
डॉ. शर्मा ने कहा कि गोपनीयता शून्य स्तर वाला खेल नहीं है। यह एक सामान्य मिथक है कि गोपनीयता रखने के लिए आपको कुछ क्रियाक्लापों का त्याग करना होगा। हमने फेडरेटेड आर्किटेक्चर में काम किया है जिसका मतलब यह है कि हम डेटा को एक स्थान पर नहीं रखते हैं, क्योंकि यह विफलता का एकल बिंदु बन सकता है।
गूगल इंडिया के प्रबंध निदेशक और आईएएमएआई के चेयरमैन संजय गुप्ता ने कहा कि हमें इंटरनेट पर लोगों को निजता और सुरक्षा सुनिश्चित करनी है। एक अरब भारतीयों का भरोसा हासिल करना महत्त्वपूर्ण बात होगी और हम बुरे कृत्य करने वालों के लिए अपने दरवाजे खुले नहीं छोड़ सकते हैं और उन्हें सजा देने का काम कानून लागू करने वालों पर छोड़ सकते हैं।
उन्होंने कहा कि मौजूदा 250 अरब डॉलर से वर्ष 2025 तक एक लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने में स्टार्टअप महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। आज भारत में स्टार्टअप पांच लाख लोगों को रोजगार देते हैं। इसका मतलब यह है कि हमें विकास के लिए सही समर्थकों -विनियामकीय ढांचे, सही बुनियादी ढांचे पर ध्यान देने की जरूरत है ताकि यह सुनिश्चित हो कि डिजिटल अर्थव्यवस्था समान रूप से विकसित हो सके।