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‘निजता से जनहित ज्यादा अहम’

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 8:26 PM IST

ट्रूकॉलर के सह-संस्थापक और सीईओ एलन ममेदी ने निजता की तुलना में जनहित ज्यादा अहम होने की बात पुरजोर तरीके से कही। उन्होंने कहा, ‘कॉल करते समय अपना नाम और फोन नंबर निजी रखने की किसी व्यक्ति की उम्मीद से ज्यादा अहम है कॉल करने वाले को पहचानकर जनहित और जन सुरक्षा की चिंता दूर करना।’
संक्षिप्त दौरे पर भारत आए ट्रूकॉलर के प्रमुख आज कुछ मंत्रियों से भी मिले। उनसे सवाल पूछा गया कि क्या भारत में प्रस्तावित डेटा सुरक्षा कानून से उनकी सेवा इस्तेमाल नहीं करने वाले लोगों की सहमति के बगैर उनके फोन नंबर प्रदर्शित करना मुमकिन नहीं होगा। इस पर उन्होंने कहा, ‘उपभोक्ताओं को यह जानने का अधिकार है कि उन्हें फोन कौन कर रहा है। लगातार डिजिटल होती अर्थव्यवस्था में टेलीफोन डायरेक्टरी, कॉलर आईडी और स्पैम ब्लॉकिंग सुरक्षित संचार के लिए बेहद महत्त्वपूर्ण हैं क्योंकि आज की दुनिया में ऑनलाइन साधन और टेलीफोन कॉल एवं मैसेज के जरिये धोखाधड़ी, पीछा करना एवं शोषण आम बात हो गई है।’ उन्होंने कहा कि भारत में ट्रूकॉलर की 50 फीसदी उपयोगकर्ता महिलाएं हैं, जो इस सेवा का इस्तेमाल शोषण से बचने के पहले हथियार की तरह कर रहे हैं।
ममेदी ने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि प्रस्तावित डेटा निजता कानून में उनकी कंपनी को मंजूरी दी जाएगी क्योंकि वह स्वास्थ्य या वित्तीय जानकारी जैसी संवेदनशील निजी सूचना नहीं बल्कि फोन नंबर एवं नाम दे रही है। इस प्लेटफॉर्म पर करीब 50 फीसदी कॉल उन ग्राहकों के बीच होती हैं, जिनके फोन में ट्रूकॉलर ऐप है। एक नया रुझान यह है कि उनमें से काफी बड़ी तादाद में लोग इसे कॉल के लिए अपने डायलर के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं।
ममेदी ने कहा कि वे भारत में कंपनी को लेकर गलत धारणा को दूर करने पर ध्यान देंगे। उन्होंने कहा, ‘यह मिथ्या धारणा दूर करने पर ध्यान दिया जाएगा कि ट्रूकॉलर में चीन की हिस्सेदारी है। भारत हमारा सबसे बड़ा बाजार है, जहां सबसे ज्यादा कर्मचारी कार्यरत हैं। इसका परिचालन एक भारतीय कंपनी के जरिये हो रहा है, जो वर्ष 2018 से भारत में ही डेटा भंडारण कर रही है।’
कंपनी के भारत में 22 करोड़ से अधिक सक्रिय ग्राहक हैं, जो उसके कुल 30 करोड़ वैश्विक ग्राहकों का 70 फीसदी हिस्सा है। हालांकि ट्रूकॉलर भारत में जांच के घेरे में आ गई है। हाल में एक पत्रिका की पड़ताल में पाया गया था कि कॉलर आईडी और स्पैम रोकने वाला यह ऐप भारत में कोई व्यापक डेटा सुरक्षा ढांचा नहीं होने का लाभ उठाकर कई क्षेत्रों में उपयोगकर्ताओं की मंजूरी के बिना ही परिचालन कर रहा है। मगर ममेदी ने कहा कि डेटा की निजता और स्थानीयकरण सुनिश्चित करने में ट्रूकॉलर की बहुत प्रतिष्ठा है। उन्होंने कहा कि कंपनी स्थानीय नियमों के पालन को लेकर प्रतिबद्ध है और उन्हें नहीं लगता कि नए डेटा निजता कानून लागू होने से उनकी वृद्धि या ग्राहक अनुभव पर कोई असर पड़ेगा।

First Published : March 29, 2022 | 11:22 PM IST