मौजूदा आर्थिक मंदी ने इस साल भर्ती प्रक्रिया को लेकर कंपनियों को अपनी रणनीति में बदलाव लाने के लिए बाध्य कर दिया है।
इस वर्ष दूसरे दर्जे के प्रबंधन संस्थानों में लैटरल और फाइनल प्लेसमेंट में पहले की तरह उत्साह नहीं दिख रहा है, क्योंकि कंपनियां काफी हद तक नई नियुक्तियों से परहेज कर रही हैं या फिर वे इसे लेकर अनिश्चित हैं कि इस बार कितने छात्रों को भर्ती किया जाए।
इस साल अब तक कंपनियों ने पिछले साल के मुकाबले प्रबंधन संस्थानों के काफी कम छात्रों को नौकरी की पेशकश की है। इसके अलावा वेतन पैकेज में सालाना 30 फीसदी तक की बढ़ोतरी की तुलना में इस बार कम वेतन दिया जा रहा है।
एक्सएलआरआई जमशेदपुर, एक्सआईएम भुवनेश्वर (एक्सआईएमबी), आईएमटी गाजियाबाद ऐंड इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ फॉरेन ट्रेड (आईआईएफटी) जैसे दूसरे दर्जे के बिजनेस-स्कूल नई कंपनियों, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों (पीएसयू) और गैर-सरकारी संगठनों में अपने छात्रों के लिए विकल्प तलाश रहे हैं।
इसके अलावा वे सेवा एवं निर्माण क्षेत्र की नई कंपनियों पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। एक्सएलआरआई के सचिव अक्षय सिन्हा ने कहा कि संस्थान ने छात्रों को सामाजिक मामलों और उद्यमिता में प्रशिक्षित करने के लिए पहली बार इनीशिएटिव फॉर सोशल एंटरप्रेन्योरशिप लर्निंग (आईएसईएल) शुरू किया है।
सिन्हा ने कहा, ‘हमने 2008 में समर इंटर्नशिप के लिए आईएसईएल शुरू किया और इसमें 30 छात्रों ने दिलचस्पी दिखाई। लगभग 6 छात्र एनजीओ यूनिसेफ और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के साथ समर इंटर्नशिप से जुड़े।
इस साल भी हमने कई एनजीओ और नई कंपनियों को मौजूदा लैटरल प्लेसमेंट के लिए आमंत्रित किया है। यह प्लेसमेंट प्रक्रिया फरवरी में समाप्त होगी। अब तक जिन नौकरियों और वेतन पैकेजों की पेशकश की गई है, वे पिछले साल के वेतन के समान ही हैं।’
एक्सएलआरआई जमशेदपुर में लैटरल प्लेसमेंट के दौरान इस साल 180 छात्रों के बैच में से 104 छात्रों को शामिल किया गया है। पिछले साल दो महीने से अधिक समय तक चली लैटरल प्लेसमेंट प्रक्रिया के दौरान शीर्ष स्तर की प्रबंधन भूमिकाओं के लिए 90 योग्य लैटरल उम्मीदवारों के लिए एक्सएलआरआई के 100 से अधिक छात्रों को शामिल किया गया था।
औसतन वेतन पैकेज 15 लाख रुपये था। सबसे ज्यादा वेतन पैकेज 22 लाख रुपये तक पहुंच गया था। इन्फोसिस जैसी कंपनियों ने छात्रों के लिए फास्ट ट्रैक प्रोग्राम की पेशकश की है जिसमें नौकरियों में हर साल 100,000 डॉलर के पैकेज मुहैया कराए जाएंगे।
आईआईएफटी में इसके लैटरल प्लेसमेंट के दौरान वेतन पैकेजों में मौजूदा मंदी के कारण 30 से 40 फीसदी की गिरावट आई है। इस साल लैटरल प्लेसमेंट के लिए आईआईएफटी के लगभग 50 छात्र शामिल हुए जबकि दिल्ली और कोलकाता में दो आईआईएफटी परिसरों के छात्रों की संख्या 180 है।
आईआईएफटी कोलकाता कैम्पस और इसके सेंटर ऑफ एमएसएमई स्टडीज के प्रमुख के रंगराजन ने कहा, ‘जहां पिछले शैक्षणिक सत्र में लैटरल प्लेसमेंट के लिए औसतन वेतन पैकेज लगभग 12-15 लाख रुपये था वहीं इस साल औसतन पैकेज 6 लाख रुपये और 8 लाख रुपये के बीच है।’
उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में कैम्पस का दौरा करने वाली कंपनियों में से 40-45 फीसदी कंपनियां निर्माण क्षेत्र से हैं। इससे पहले हमारे पोर्टफोलियो में शामिल तकरीबन 80 फीसदी कंपनियां सेवा क्षेत्र से थीं।
कंपनियों के ठंडे उत्साह को देखते हुए इंस्टीटयूट ऑफ मैनेजमेंट एजूकेशन (आईएमई), गाजियाबाद ने अपने अनुमानों में संशोधन किया है। आईएमई के निदेशक डी. पी. गोयल ने कहा कि यदि छात्र इस साल 4-5 लाख रुपये के बीच वेतन पैकेज हासिल करने में सफल रहते हैं तो प्लेसमेंट बेहतर होगा।
पिछले साल सर्वाधिक वेतन पैकेज लगभग 5.3 लाख रुपये था। जेवियर इंस्टीटयूट ऑफ मैनेजमेंट, भुवनेश्वर (एक्सआईएमबी) में फाइनल प्लेसमेंट में अब तक लगभग 20 कंपनियों ने भाग लिया है और कुल 120 छात्रों में से 80-90 छात्रों को नौकरी के ऑफर दिए गए हैं।
दूसरी ओर आईआईटी अधिकारियों का कहना है कि पिछले साल के मुकाबले इस बार भर्ती में 25-30 फीसदी की गिरावट आई है। फाइनल प्लेसमेंट इस महीने आईआईटी-बॉम्बे (आईआईटी-बी) में शुरू हुआ, लेकिन पिछले साल की तुलना में इस बार इस प्रक्रिया में धीमापन देखा गया है।
एक प्लेसमेंट समन्वयक के मुताबिक ‘ हम सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों पर भरोसा कर रहे हैं और इस साल प्लेसमेंट के दौरान हमें आईओसी, ओएनजीसी, गेल, बीपीसीएल और एचपीसीएल से प्रतिक्रिया मिली है।’
आईआईटी-दिल्ली में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में अंतिम वर्ष के छात्र जतिन कालसन ने कहा, ‘शुरू में यह धारणा थी कि सरकारी नौकरियां आकर्षक नहीं हैं। लेकिन इस मौजूदा आर्थिक मंदी और वेतन पैकेज में संशोधन से मैं सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई में अवसरों को लेकर बेहद उत्साहित हूं।’