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आईटीसी ने मांगा 5जी स्पेक्ट्रम

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 9:57 PM IST

विभिन्न कारोबारों में मजबूत दखल रखने वाली कंपनी आईटीसी ने दूरसंचार नियामक से अपने जैसे उद्योगों के लिए ‘सांकेतिक मूल्य’ पर स्पेक्ट्रम आरक्षित करने का अनुरोध किया है ताकि वे अपनी अंदरूनी क्षमता के मुताबिक अपने ही लिए काम आने वाला निजी नेटवर्क तैयार कर सकें।
आईटीसी ने इस बात का भी विरोध किया है कि कंपनियों को अपना निजी नेटवर्क चलाने के लिए दूरसंचार ऑपरेटरों से पट्टे पर स्पेक्ट्रम लेना पड़े। आईटीसी ने मांग की है कि कंपनियों को विभिन्न इलाकों में मामूली शुल्क लेकर प्रशासनिक आधार पर सीधे स्पेक्ट्रम आवंटित करना चाहिए। कंपनी का कहना है कि इस तरह के निजी नेटवर्क से किफायत, सुरक्षा, लचीलापन और निरंतरता का कारोबारी लक्ष्य पूरा होगा।
दूरसंचार नियामक ट्राई ने एक परामर्श पत्र जारी कर कंपनियों को निजी इस्तेमाल के लिए 5जी नेटवर्क स्थापित करने की अनुमति दिए जाने पर राय मांगी थी। आईटीसी ने इसी के जवाब में यह मांग की है।
निजी सेल्युलर नेटवर्क के बुनियादी ढांचे का उपयोग किसी संगठन द्वारा अधिकृत डिवाइस द्वारा ही किया जा सकता है। ये डिवाइस आम तौर पर कारखाने के भीतर इस्तेमाल होती हैं या मशीनों की आपसी कनेक्टिविटी के लिए नेटवर्क का इस्तेमाल होता है। आईटीसी का प्रस्ताव अहम है क्योंकि इससे बड़े कारोबारों और दूरसंचार कंपनियों के बीच 5जी स्पेक्ट्रम के इस्तेमाल पर नई जंग छिड़ सकती है। दूरसंचार कंपनियों ने आईटीसी के प्रस्ताव का विरोध किया है। उनके उद्योग संगठन सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने स्पष्ट किया है कि ‘निजी नेटवर्क’ का कोई औचित्य नहीं है क्योंकि दूरसंचार कंपनियां उद्योगों को उनकी जरूरत के हिसाब से सभी सेवाएं मुहैया कराने में सक्षम हैं। ऐसे में कंपनियों को सीधे स्पेक्ट्रम आवंटित करने की जरूरत नहीं है।
दूरसंचार कंपनियों ने बिना नीलामी स्पेक्ट्रम देने का भी विरोध किया है क्योंकि यह समान अवसरों के सिद्घांत के विरुद्घ होगा।
मगर आईटीसी का कहना है कि दूरसंचार कंपनियों से पट्टे पर स्पेक्ट्रम मिलना कारगर नहीं है और उन्हें सीधे स्पेक्ट्रम मिलना चाहिए। इसके पीछे उसने तीन कारण गिनाए हैं। पहला, दूरसंचार कंपनियां ज्यादा शुल्क मांग सकती हैं क्योंकि किसी खास इलाके में किसी खास ऑपरेटर का एकाधिकार हो सकता है। दूसरा यदि कंपनी के इलाके में नेटवर्क नहीं हुआ तो दूसरी दूरसंचार फर्म से स्पेक्ट्रम लेना मुश्किल हो सकता है। तीसरा, दूरसंचार कंपनियां निजी इस्तेमाल के लिए 5जी नेटवर्क देने के बजाय सार्वजनिक इस्तेमाल के लिए 5जी नेटवर्क तैयार करने की अपनी बाध्यता के कारण असमंजस में फंस सकती हैं।
आईटीसी ने निजी नेटवर्क के लिए 3400 से 3425 बैंड पर 20 मेगाहट्र्ज, जिसे 5जी स्पेक्ट्रम माना जाता है और 26 से 28 गीगाहट्र्ज के बीच मिलीमीटर बैंड में 400 मेगाहट्र्ज से 800 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम बैंड आरक्षित करने की सलाह दी है। दुनिया भर में कंपनियों को सीधे स्पेक्ट्रम आवंटित किया जाता है।

First Published : January 18, 2022 | 11:05 PM IST