राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर), खासकर गाजियाबाद और नोएडा में पिछले कुछ सालों से भारी तादाद में तकनीकी उच्च शिक्षण संस्थान खुलने की वजह से शिक्षा का केंद्र बनता जा रहा है।
अब उत्तर प्रदेश का औद्योगिक शहर कानपुर इस मामले में गाजियाबाद-नोएडा को कड़ी चुनौती देने के लिए तैयार है। कानपुर में पहले से ही विश्वस्तरीय आईआईटी इंजीनियरिंग कॉलेज मौजूद है और जल्द ही यहां तकनीकी शिक्षा के लिए अन्य 17 कॉलेज खोले जाने हैं।
वर्तमान में शहर में कुल 10 तकनीकी शिक्षण संस्थान हैं, जिसकी संख्या इस साल के अंत तक बढ़कर 27 हो जाएगी। इसके साथ ही राज्य के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेज हरकोर्ट बटलर टेक्नोलॉजिकल इंस्टीटयूट (एचबीटीआई) को 181 करोड़ रुपये की लागत से अपग्रेड करने की योजना है।
उत्तर प्रदेश टेक्निकल यूनिवर्सिटी (यूपीटीयू) के रजिस्ट्रार यू. एस. तोमर ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि प्रस्तावित 17 कॉलेजों में से 10 को यूपीटीयू से एफिलिएशन मिल गई है, जबकि 7 अन्य कॉलेजों को भी जल्द ही इसकी अनुमति मिल जाएगी। इसके अलावा, करीब 40 इंजीनियरिंग और प्रबंधन कॉलेजों को यूपीटीयू की ओर से स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर के विभिन्न पाठयक्रमों को लागू करने की अनुमति दी गई है। कानपुर-लखनऊ क्षेत्र में ही 32 ऐसे केंद्र खोले जाने प्रस्तावित है।
वर्तमान में राज्य में 286 तकनीकी शिक्षण संस्थान हैं, जिनमें देशभर के 66024 छात्र विभिन्न पाठयक्रमों में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। तोमर ने कहा कि राज्य में तकनीकी शिक्षण संस्थान खोलने के लिए 216 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें केवल 40 को ही तय मानकों के अनुकूल पाया गया। महाराणा प्रताप ग्रुप ऑफ इंस्टीटयूशंस ने कानपुर में दो नए कॉलेजों की शुरुआत की है, जिनमें मास कम्युनिकेशंस और इंजीनियरिंग के पाठयक्रम संचालित किए जा रहे हैं।
समूह के निदेशक प्रो. दीक्षित का कहना है कि प्रोफेशनल कोर्सों की मांग और बेहतर प्लेसमेंट ने समूह को नए कॉलेज खोलने के लिए प्रेरित किया है। दीक्षित का कहना है कि इन नए शिक्षण संस्थानों के खुलने से आस-पास के जिलों के छात्रों को एनसीआर के भरोसे रहने की जरूरत नहीं रह गई है। बिहार और उत्तराखंड के छात्र भी यहां नामांकन के लिए आ रहे हैं।
कानपुर में इस साल के अंत तक खुलेंगे 17 नए तकनीकी संस्थान
181 करोड़ रुपये की लागत से प्रतिष्ठित एचबीटीआई का भी होगा कायाकल्प