देश का आईटी व्यय साल 2024 में कुल 124.6 अरब डॉलर रहने का अनुमान है, जो साल 2023 से 10.7 प्रतिशत अधिक है। गार्टनर के नवीनतम पूर्वानुमान में यह जानकारी दी गई है। साल 2023 में स्थिर वृद्धि (-0.5 प्रतिशत) रहने के बाद ऐसा होगा। सॉफ्टवेयर, आईटी सेवा और उपकरणों से इसे बढ़ावा मिलेगा।
पिछले साल की तुलना करने पर इस व्यय में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी उपकरण और आईटी सेवा क्षेत्र में होगी। गार्टनर का अनुमान है कि साल 2024 में उपकरणों पर व्यय बढ़कर 10 प्रतिशत हो जाएगा, जबकि साल 2023 में यह -7 प्रतिशत रहा है।
इसी तरह साल 2023 के दौरान आईटी सेवाओं में 6.5 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है, लेकिन साल 2024 में 14.6 प्रतिशत तक की वृद्धि होने की उम्मीद है। गार्टनर के उपाध्यक्ष (टीम मैनेजर) नवीन मिश्रा ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि भारतीय संगठनों से उम्मीद की जा रही है कि इस दौरान परिचालन दक्षता में सुधार और आईटी प्रतिभा की चल रही कमी दूर करने के रणनीतिक प्रयास के रूप में एआई और ऑटोमेशन में निवेश करेंगे।
भारत में आईटी व्यय का रुझान वैश्विक रुझान के समान ही है। गार्टनर ने भविष्यवाणी की है कि साल 2023 के 3.5 प्रतिशत की तुलना में साल 2024 में कुल वृद्धि आठ प्रतिशत रहेगी। साल 2024 के दौरान आईटी सेवाओं में 10.4 प्रतिशत की वृद्धि नजर आएगी, जबकि साल 2023 में 7.3 प्रतिशत की वृद्धि रही।
हालांकि चर्चा का विषय बनी हुई जेनेरेटिव एआई साल 2025 तक व्यय का बड़ा कारक नहीं होगा। गार्टनर के विशिष्ट उपाध्यक्ष विश्लेषक जॉन डेविड लवलॉक ने कहा ‘साल 2023 और 2024 में आईटी का काफी कम खर्च जेनएआई से जुड़ा होगा।’ उन्होंने कहा कि हालांकि परिचालन दक्षता बढ़ाने और आईटी प्रतिभा अंतराल को पाटने के लिए संगठन एआई तथा ऑटोमेशन में निवेश करना जारी रखे हुए हैं।