नोकिया के लिए आईफोन खतरे की घंटी

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 8:00 AM IST

नोकिया को आखिरकार इस बात का डर सताने ही लगा है कि एप्पल का आईफोन भारत में उसका कारोबार बिगाड़ देगा।


दुनिया की इस सबसे बड़ी मोबाइल हैंडसेट निर्माता कंपनी के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी ओली-पेका कलासवुओ ने आज इस बात को स्वीकार कर लिया। कलासवुओ ने कहा, ‘भारत में नोकिया के कारोबार पर आईफोन तगड़ा असर डालने जा रहा है।

सबसे पहले तो वह हमारा नया प्रतिद्वंद्वी होगा और उसके बाद बाजार में उपभोक्ता उसमें दिलचस्पी लेंगे।’ लेकिन उन्होंने वॉयस ऐंड डैटा रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि देश में हैंडसेट बाजार में नोकिया की 62 फीसद हिस्सेदारी है और वह भारत की नंबर एक कंपनी है।

उन्होंने कहा कि आईफोन जैसे झटकों से बेपरवाह होकर अपना बाजार बढ़ाने के लिए कंपनी पहले ही योजना तैयार कर चुकी है। इसके तहत वह इंट्री लेवल के बाजार में भी इंटरनेट की सुविधा से युक्त हैंडसेट उतारने जा रही है। एप्पल के आईफोन को केवल 199 डॉलर में बेचा जाएगा और वोडाफोन तथा भारती एयरटेल इस साल किसी भी वक्त यह हैंडसेट लेकर आ सकते हैं। फिलहाल नोकिया के सस्ते हैंडसेट्स में इंटरनेट की सुविधा नहीं है।

गूगल का जिक्र आने पर कलासवुओ ने उससे किसी प्रकार का खतरा होने की बात खारिज कर दी। गूगल भी एक उम्दा फोन बनाने में जुटी हुई है, जिसका नाम एंड्रॉयड रखा गया है। कलासवुओ ने कहा, ‘सिम्बियन के 20 करोड़ से ज्यादा हैंडसेट बिक चुके हैं, इसलिए उसकी पकड़ बहुत मजबूत है। कोई और कंपनी इस मामले में बराबरी नहीं कर सकती।’ नोकिया पहले ही सिम्बियन खरीदने पर 1600 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम लगाने की इच्छा जता चुकी है।

भारत में अभी मोबाइल फोन इस्तेमाल करने वालों की तादाद तकरीबन 25 करोड़ है और अभी इस बाजार में गजब की संभावना है। चीन के बाद भारत ही नोकिया का सबसे बड़ा हैंडसेट बाजार है। कलासवुओ ने कहा, ‘यह हमारे लिए बहुत बड़ा बाजार है और इसमें लगातार इजाफा हो रहा है। चीन के बाद यह दूसरा सबसे बड़ा हैंडसेट बाजार है। भारत अब उभरता हुआ बाजार नहीं रहा, बल्कि यह रफ्तार पकड़ता हुआ परिपक्व बाजार है।’

First Published : June 27, 2008 | 12:25 AM IST