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Interview: केबल टीवी बाजार के लिए चुनौती होगी IPTV, CEO विवेक रैना ने बताई Excitel की योजना

आईपीटीवी आपके वाई-फाई पर चलेगा और ग्राहक सभी पे चैनल देखने के लिए आसानी से एक्साइटल टीवी ऐप डाउनलोड कर सकेंगे।

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शुभायन चक्रवर्ती   
Last Updated- April 27, 2024 | 12:21 AM IST

फिक्स्ड लाइन इंटरनेट सेवा प्रदाता एक्साइटल के मुख्य कार्या​धिकारी एवं सह-संस्थापक विवेक रैना ने शुभायन चक्रवर्ती के साथ साक्षात्कार में कहा कि कंपनी भारत में 6-7 करोड़ केबल टीवी होम्स के मौजूदा बाजार को चुनौती देने के लिए इंटरनेट प्रोटोकॉल टेलीविजन (आईपीटीवी) टेक्नोलॉजी पर दांव लगा रही है। उन्होंने कहा कि एक्साइटल ने अगले पांच साल में तेजी से अपना विस्तार करने की योजना बनाई है। पेश हैं उनसे हुई बातचीत के मुख्य अंश:

एक्साइटल की आईपीटीवी सेवा क्या है?

हम सेट टॉप बॉक्स की जरूरत के बगैर आपके घर में स्मार्ट टीवी के लिए ब्रॉडकास्ट टेलीविजन ला रहे हैं। पिछले नियमों के तहत, सभी पे चैनलों के लिए आपको सिग्नल को डिक्रिप्ट करने के लिए एक सेट टॉप बॉक्स की आवश्यकता होती थी। अब, आप ऐप के जरिये ऐसा कर सकते हैं। आईपीटीवी आपके वाई-फाई पर चलेगा और ग्राहक सभी पे चैनल देखने के लिए आसानी से एक्साइटल टीवी ऐप डाउनलोड कर सकेंगे।

आईपीटीवी से आपको क्या उम्मीदें हैं?

हमने मल्टीपल सिस्टम ऑपरेटर्स (एमएसओ) के साथ समझौते किए हैं और वितरक के तौर पर काम कर रहे हैं। हम सबसे पहले परीक्षण के तौर पर काम करना चाहेंगे। लेकिन मेरा मानना है कि इसकी अच्छी मांग है। भारत में 6-7 करोड़ केबल टीवी होम्स हैं और सिर्फ 3 करोड़ ब्रॉडबैंड होम्स हैं।

क्या कंटेंट बंडलिंग बरकरार रहेगी?

ओटीटी को साथ में देना अब सामान्य हो गया है। हर कोई ऐसा कर रहा है। हमारे ओटीटी प्लान कुल बिक्री का 15-20 प्रतिशत तक योगदान देते हैं। इनमें हॉटस्टार, सोनी लिव और जी शामिल हैं तथा 20 अन्य छोटे ओटीटी हैं। लेकिन सभी कंटेंट एक वायर के जरिये घर तक पहुंचने चाहिए, जो ब्रॉडबैंड पहुंचाता है। कई देशों में, यह नई बात नहीं रह गई है।

आपकी वृद्धि की योजनाएं क्या हैं?

हमने 50 से ज्यादा शहरों के 10 लाख उपयोगकर्ताओं तक पहुंच बनाई है। हम अगले पांच साल में यह उपयोगकर्ता आधार तीन गुना कर 30 लाख करना चाहेंगे। हम तीसरे सबसे बड़े फाइबर टु होम वाईफाई प्रदाता हैं।

5जी की शुरुआत हुए करीब डेढ़ वर्ष हो गया है। क्या आप मानते हैं कि इससे वाईफाई कंपनियों को चुनौती पैदा हो रही है?

5जी ने दुनिया में कहीं भी फिक्स्ड लाइन ब्रॉडबैंड की जगह नहीं ली है। 5जी टावरों को उपयुक्त सिगनल के लिए सही तरीके से लगाए जाने की जरूरत है, जो सिर्फ 5-10 प्रतिशत घरों में हुआ है। शहरी भारत में यह काम नहीं करेगा। बहुमंजिला टावरों वाले इलाकों में यह उपयोगी साबित हो सकता है, लेकिन भारत में ज्यादातर हिस्सा ऐसा नहीं है।

क्या स्थानीय निर्माण की वजह से उपकरण की लागत घटी है?

2022 में वै​श्विक चिप किल्लत बढ़ने के दौरान वाईफाई बॉक्स की कीमतें 1,800 रुपये से बढ़कर 2,300 रुपये से ऊपर पहुंच गई थीं। अब चिप की वै​श्विक किल्लत दूर हो रही है और ग्राहक के परिसर में उपकरण लगाने की लागत फिर से उसी स्तर पर वापस आ गई, जो तीन साल पहले (करीब 1,800-1,850 रुपये) थी। इसके अलावा, कई निर्माताओं ने अब भारत में असेंबल भी शुरू कर दिया है, भले ही कच्चा माल आयात किया जाता है।

कोष जुटाने की आपकी क्या योजनाएं हैं?

हम फिलहाल पूंजी जुटाने में सक्रियता नहीं दिखा रहे हैं। हमने पिछले राउंड में जुटाए गए 510 करोड़ रुपये निवेश किए हैं। पूंजी जुटाने पर इस साल के आ​खिर या अगले साल के शुरू में विचार किया जा सकता है।

First Published : April 26, 2024 | 11:25 PM IST