देश की सबसे बड़ी विमानन कंपनी इंडिगो ने रकम जुटाने के लिए बातचीत शुरू कर दी है क्योंकि महामारी की दूसरी लहर ने हवाई यात्रा की मांग को धराशायी कर दिया है। विमानन कंपनी 3,500 करोड़ रुपये से 4,000 करोड़ रुपये तक जुटा सकती है।
देसी यात्रियों की संख्या सोमवार को एक लाख से नीचे आ गई और सिर्फ 97,761 यात्रियों ने हवाई यात्रा की। चूंकि यात्री मौजूदा बुकिंग रद्द कर रहे हैं, ऐसे में विमानन कंपनी को उड़ान रद्द करनी पड़ रही है और कंपनी ने सिर्फ 1,306 उड़ानों का परिचालन किया। दोनों ही आंकड़े 28 अगस्त के बाद के न्यूनतम आंकड़े हैं जब हवाई परिवहन दो महीने के लॉकडाउन के बाद 25 मई को दोबारा खुला था और यात्रियों की संख्या एक लाख के पार निकल गई थी। इंडिगो ने इससे पहले जनवरी में क्यूआईपी के जरिए 4,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना टाल दी थी क्योंकि उसे तेजी से रिकवरी दिखने लगी थी। इंडिगो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि विमानन कंपनी का नकदी शेष टिके रहने के लिए पर्याप्त है, लेकिन वह लंबी अवधि के बारे में विचार कर रही है और ऐसे परिदृश्य की तैयारी कर रही है जब महामारी का असर लंबे समय तक बना रहेगा।
वित्त वर्ष 21 की तीसरी तिमाही में इंडिगो के पास 18,365 करोड़ रुपये का नकद भंडार था, जिसमें 7,444 करोड़ रुपये मुक्त नकदी थी। लेकिन लॉकडाउन के कारण इस नकदी पर असर पड़ा और पट्टा किराया, रखरखाव लागत और वेतन पर उसका 40 फीसदी खर्च होता है। दूसरी लहर का असर इंडिगो पर इतना ज्यादा पड़ा है कि फरवरी में 1,200 उड़ानों का संचालन करने वाली कंपनी ने सोमवार को महज 715 उड़ानों का परिचालन किया। गोएयर, विस्तारा और एयर एशिया भी 71, 69 और 39 उड़ानों का परिचालन ही कर पाई।