भारतीय कंपनियां कर्मचारियों को दफ्तर बुलाने की रणनीति बना रहीं

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 6:55 PM IST

मुंबई की कोडिंग स्टार्टअप व्हाइटहैट जूनियर ने जब एक महीने के भीतर अपने कर्मचारियों को दफ्तर से काम करने का निर्देश दिया तब बड़े पैमाने पर कर्मचारियों ने इस्तीफा दे दिया। इस वाकये ने उस तरह की दिक्कत की ओर इशारा किया है जिससे भारतीय कंपनियां जूझ रही हैं। दरअसल कर्मचारी अब पूर्णकालिक स्तर पर दफ्तर से काम नहीं करना चाहते हैं।
मैथ्यू फिलिप (बदला हुआ नाम) का ही मामला लें। फिलिप का कहना है कि महामारी के चलते ही उन्हें महसूस हुआ कि महानगरों में अधिक वेतन वाली नौकरी करने से अच्छा है कि केरल में वह अपने परिवार के साथ रहें। 2021 में कोविड के भयावह दौर के दौरान उनके दूसरे बच्चे का जन्म हुआ और वह अब इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि वह कम से कम अपने गृहनगर से ही घर से काम करने के इच्छुक हैं। जब बेंगलूरु मुख्यालय वाली सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनी ने उनसे दफ्तर में वापसी करने के लिए कहा तब फिलिप ने नौकरी छोड़ दी और उन्होंने ब्रिटेन की कंपनी के साथ एक नई शुरुआत की।
एक वरिष्ठ आईटी पेशेवर राहुल डेनिस का कहना है, ‘लोगों ने उस शहर में अपना किराये का मकान छोड़ दिया है जहां उनका दफ्तर है और वे अपने बच्चों का नामांकन भी अपने गृहनगरों में करा रहे हैं। इसकी वजह से किराये और स्कूल की फीस में बचत हो रही है जो छोटे शहरोंं में कम ही है। साथ ही साथ वे अपने बुजुर्ग मां-बाप की देखभाल भी कर पा रहे हैं।’
कर्मचारियों की दफ्तर से काम करने की अनिच्छा को देखते हुए विभिन्न क्षेत्रों की कंपनियां सतर्कता भरे कदम उठा रही हैं। मिसाल के तौर पर चेन्नई की एफएमसीजी कंपनी केविनकेयर ने जून 2020 में घोषणा की थी कि कंपनी अपने कॉरपोरेट दफ्तर को किराये पर लगा रही है और उसके 300 से अधिक कर्मचारी स्थायी रूप से अब घर से काम करेंगे। अब करीब दो साल होने को हैं और केविनकेयर के दफ्तर का काम अब भी घर से होता है लेकिन 15 दिनों में एक बार बैठक के लिए सबको मिलना होता है। कंपनी के मुख्य कार्याधिकारी और निदेशक वेंकटेश विजयराघवन का कहना है, ‘केविनकेयर की कार्यसंस्कृति को समझने के लिए नए कर्मचारियों के लिए यह अहम हो जाता है।’ हालांकि यह बैठक अनिवार्य होगी या नहीं इसे समूह के प्रमुख लोगों पर छोड़ दिया गया है। केविनकेयर की फैक्टरियों और शोध केंद्रों के कर्मचारी लोकेशन से ही काम कर रहे हैं। देश की सबसे बड़ी आईटी सेवा प्रदाता कंपनी टीसीएस ने 2025 तक सभी कर्मचारियों में से करीब 25 फीसदी के घर से काम करने का लक्ष्य रखा है। लेकिन ऐसा होने से पहले कंपनी ने वित्त वर्ष 2022 के चौथी तिमाही के नतीजे की घोषणा के वक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कर्मचारियों को दफ्तर आना होगा। टीसीएस के सीईओ और प्रबंध निदेशक (एमडी) राजेश गोपीनाथन ने कहा, ‘हम लोग 25/25 के मॉडल को लेकर आत्मविश्वास से भरे हैं लेकिन इस पर संरचनात्मक तरीके से अमल होना चाहिए। फिलहाल हमलोग 95/5 मॉडल (यानी 95 फीसदी घर से काम कर रहे हैं) पर काम कर रहे हैं। पलायन की शुरुआत से पहले हमें 80/20 के सामान्य मॉडल में काम करने की जरूरत है।’ अप्रैल से ही टीसीएस के वरिष्ठ सहयोगी करीब 50,000 लोग हफ्ते में तीन दिन दफ्तर से काम कर रहे हैं। टीसीएस को उम्मीद है कि 2022 के मध्य तक 80/20 के अनुपात को हासिल कर लिया जाएगा।
इन्फोसिस के लगभग 95 फीसदी कर्मचारी अभी घर से काम कर रहे हैं और कंपनी ने तीन चरणों में कर्मचारियों को दफ्तर वापस बुलाने की योजना बनाई है। इन्फोसिस के मुख्य वित्तीय अधिकारी नीलांजन रॉय का कहना है, ‘पहले चरण में जो लोग उस शहर में या शहर से नजदीक हैं जहां विकास केंद्र है, उन्हें हफ्ते में दो दिन दफ्तर बुलाया जा रहा है। वरिष्ठ लोग दफ्तर आ रहे हैं और सामूहिक बैठकों का हिस्सा भी बन रहे हैं।’ दूसरे चरण में वैसे लोग हैं जो विकास केंद्र वाले शहर से बाहर हैं और वे वापसी करेंगे। रॉय का कहना है, ‘यह सभी व्यक्ति की परिस्थितियोंं पर निर्भर करेगा। तीसरे चरण में कुछ समय तक घर और दफ्तर के मिले-जुले मॉडल के आधार पर काम होगा। यह क्लाइंट, नियामकीय माहौल और अन्य बातों पर निर्भर होगा।’
छोटी और मझोली आईटी सेवा कंपनियोंं में 20-30 फीसदी लोग पहले से ही दफ्तर में वापसी कर चुके हैं खासतौर पर उन क्षेत्रों में जहां इंजीनियरिंग और डिजाइन की सख्त आवश्यकता है। विप्रो ने अपने मीडिया कॉन्फ्रेंस कॉल में कहा कि इसने सभी कर्मचारियों को हफ्ते में तीन दिन दफ्तर आने के लिए कहा है। विप्रो के सीईओ थियरी डेलापोर्ट का कहना है, ‘जिन लोगों को घर से काम करना पसंद है वे भी दफ्तर आना चाहते हैं क्योंकि वे बाकी टीम के साथ अपने संपर्क को याद करते रहते हैं। हम उन्हें प्रोत्साहित भी कर रहे हैं। हम घर और दफ्तर के मिले-जुले हाइब्रिड मॉडल पर काम करना चाहते हैं।’
एचसीएल टेक्नोलॉजीज ने वैसे 40-50 फीसदी कर्मचारियोंं की पहचान की है जो घर से स्थायी रूप से काम कर सकते हैं। शीर्ष स्तर की भारतीय यूनिकॉर्न स्टार्टअप भी कर्मचारियों की दफ्तर वाली जिंदगी को आसान बनाने के बारे में सोच रही हैं। शिक्षा प्रौद्योगिकी क्षेत्र (एडटेक) की यूनिकॉर्न स्टार्टअप अपग्रेड के सह संस्थापक और एमडी मयंक कुमार ने कहा, ‘हमने सभी लोकेशन पर कर्मचारियों को दफ्तर में आने के लिए कहना शुरू कर दिया है। हालांकि पेशेवर लोगों ने वर्चुअल तरीके से भी तेजी से काम करना सीख लिया है लेकिन ऑनलाइन काम के प्रतिकूल असर से कोई भी इनकार नहीं कर सकता है।’ कुमार का कहना है कि जमीनी स्तर पर टीम तैयार करने की कवायद, आमने-सामने बैठकर बातचीत करने और फीडबैक सत्र की कमी की वजह से कर्मचारियों का लगाव भी कम होता जाता है। इन वजहोंं से ही कर्मचारियोंं में ब्रांड के प्रति लगाव की भावना बनती है और आत्मविश्वास बढ़ता है। अपग्रेड ने दफ्तर से काम की शुरुआत करने से पहले ही कर्मचारियों को एक-दूसरे से जोडऩे के तरीकों पर काम करना शुरू कर दिया।
कुमार कहते हैं, ‘हमने महाराष्ट्र में विभिन्न जगहों पर अपग्रेड की मार्केटिंग, फाइनैंस और प्रशासनिक टीमों के लिए ऑफ-साइट का प्रबंधन किया है। इसमें गेम, रणनीति सत्र, टीम बनाने, ट्रेकिंग जैसी कई सामूहिक गतिविधियां शामिल हैं जिनकी वजह से हमारे कर्मचारी एक-दूसरे के साथ ज्यादा जुड़ रहे हैं।’ लॉजिस्टिक्स के मसले का हल करने के लिए अपग्रेड ने विभिन्न शहरों में कई लोकेशन पर अपने दफ्तर खोले हैं ताकि कर्मचारियों को अपनी पसंदीदा जगह पर काम करने का मौका मिल सके।
एडटेक यूनिकॉर्न वेदांतु ने दक्षिण-पूर्वी बेंगलूरु के  एक उपनगरीय इलाके बेलांदूर में अपना बड़ा कार्यालय बनाया है और इसने कर्मचारियों को अपनी मर्जी के दिन और समय पर दफ्तर में काम करने की इजाजत दी है। वे अपने बच्चे भी दफ्तर में ला सकते हैं जो वेदांतु की लाइब्रेरी देख सकते हैं और बच्चों के खेलने के लिए बनाई गई जगह में खेल सकते हैं। वेदांतु के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘कई कर्मचारी बेंगलूरु वापस लौटने और यातायात की परेशानी से जूझने को लेकर चिंतित हैं। हम इसके बारे में ज्यादा कुछ नहीं कर सकते हैं लेकिन हमने उनके लोकेशन बदलने के खर्च को कवर किया है और कोई भी सवाल नहीं पूछा है।’
सॉफ्टबैंक के समर्थन से चलने वाली कंपनी अनएकेडमी की कोर टीम ने मार्च 2022 से रोस्टर पर दफ्तर से काम करने की शुरुआत की है। एडटेक कंपनी के एक प्रवक्ता का कहना है, ‘कर्मचारी की संख्या के लिहाज से बिक्री और परिचालन से जुड़ी टीमें कंपनी का एक बड़ा हिस्सा हैं और वे दफ्तर के बाहर से काम कर रही हैं क्योंकि हमें इसके जरिये बेहतर क्षमता दिख रही है।’ सभी कर्मचारियों के पास हफ्ते में कुछ दिन घर से काम करने का विकल्प है।

First Published : May 19, 2022 | 12:50 AM IST