एमेजॉन इंडिया के प्रमुख अमित अग्रवाल ने शुक्रवार को कहा कि प्रौद्योगिकी और मोबाइल इंटरनेट ने वैश्विक स्तर पर दैनिक जीवन में बदलाव कर दिया है और भारत इससे अलग नहीं है तथा इनसे देश पर गहरा असर पडऩे की संभावना है। यह समाज में समावेशन और हिस्सेदारी संचालित करने के लिए उत्तोलक बनेगा।
आभासी रूप में आयोजित किए गए बेंगलूरु प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन 2020 में एमेजॉन इंडिया के वैश्विक वरिष्ठ उपाध्यक्ष और कंट्री हेड अमित अग्रवाल ने कहा कि हम एक मोड़ पर हैं तथा इस बात की संभावना है कि सामाजिक और आर्थिक समानता लाने वाले के रूप में पलटकर मोबाइल इंटरनेट और खास तौर पर ई-कॉमर्स पर ध्यान देंगे जिसने भारत में जीवन और आजीविका को बदल दिया है।
उन्होंने कहा कि भारतीय ई-कॉमर्स अपने विकास की शुरुआत में है जो कुल खुदरा खपत का बमुश्किल तीन प्रतिशत है, लेकिन यह उपभोग मूल्य शृंखला में तेजी से हो रहे डिजिटलीकरण में प्रवेश कर रहा है। उन्होंने कहा कि इससे ऑनलाइन और ऑफलाइन तथा स्थानीय और वैश्विक के बीच की रेखा धुंधली हो रही है। इसमें देश भर में ग्राहकों के लिए पहुंच और अवसरों में विस्तार करना शामिल है जिस तरह डिजिटल भुगतान से सुविधा और विश्वास आ रहा है। इसके अलावा प्रौद्योगिकी और मशीन लर्निंग से के्रडिट तक पहुंच हो रही है।
अग्रवाल ने कहा कि कोविड-19 के संकट ने विशेष रूप से भारतीय उद्यमियों के लचीलेपन और आशावाद को उजागर किया है। और ज्यादा संख्या में छोटे व्यवसाय और दुकानें अपने में नयापन लाने के लिए प्रौद्योगिकी और ऑनलाइन को अपना रहे हैं। यह वृहत रूप से मेक इन इंडिया को वैश्विक स्तर पर ले जा रहा है और इससे डिजिटल रूप से सक्षम जोरदार कारोबार का सृजन हो रहा है। अंतत: इससे लाखों आजीविकाओं को ताकत मिलेगी और आत्मर्निभर भारत के दृष्टिकोण का अनुभव करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि देश भर में हजारों-लाखों आस-पड़ोस की दुकानें ई-कॉमर्स के लिए पिकअप केंद्र, लॉजिस्टिक्स साझेदार और अनुभव केंद्र तौर पर अपनी शक्ति में विस्तार कर रहे हैं और वास्तविक रूप में डिजिटल उद्यमी बन रहे हैं।
अग्रवाल ने कहा कि इस दिशा में गति देने वाली नीतियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए भारत को दोनों हाथों से इस डिजिटल अवसर को लपकना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक ऐसा स्थिर और पूर्वानुमान लगाए जाने वाला नीतिगत ढांचा सुनिश्चित करना महत्त्वपूर्ण है जो दीर्घकालिक निवेश को आकर्षित करे और ऑनलाइन कारोबार सुगमता पर असर डालने वाली कागजी कार्रवाई में तेजी से कमी लाए।
इसके साथ ही डिजिटल साक्षरता और सार्वभौमिक इंटरनेट का उपयोग संभव करते हुए दुनिया के लिए खास तौर पर विशाल युवा जनसांख्यिकीय तैयार करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बड़े स्तर पर परिवर्तन करने के लिए विज्ञान और इंजीनियरिंग पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है तथा अनोखे उत्तोलक के रूप में मशीन लर्निंग और कृत्रिम बुद्धिमता को अपनाया जा रहा हैै। एमेजॉन इंडिया के मार्केटप्लेस पर सात लाख से अधिक छोटे और मध्य कारोबारी हैं।
