रिटेल कंपनी सुभिक्षा की मुश्किलों में हर दिन इजाफा हो रहा है। कर्मचारियों की भविष्य निधि के लिए वक्त पर पैसा न जमा करने के कारण कर्मचारी भविष्य निधि कार्यालय (ईपीएफओ) सुभिक्षा पर शिकंजा कसने को तैयार है।
नकदी की किल्लत से जूझ रही इस कंपनी को अपने 4,500 कर्मचारियों की भविष्य निधि (पीएफ) के लिए ईपीएफओ को भुगतान करना है। भुगतान न होने की स्थिति में ईपीएफओ, कंपनी के प्रवर्तकों की संपत्ति जब्त कर सकता है।
ईपीएफओ से जुड़े एक अधिकारी का कहना है कि कंपनी को लगभग 4,600 कर्मचारियों की पीएफ के लिए भुगतान करना है। कंपनी ने जून 2008 से इस मद में कोई भी भुगतान नहीं किया है। देनदारी के हिसाब से कंपनी पर 5 करोड़ रुपये बनते हैं और अगले महीने यह राशि और बढ़ जाएगी।
अधिकारी ने बताया कि इस मामले में कर्मचारी भविष्य निधि और मिश्रित प्रावधान कानून, 1952 की धारा 7 ए के तहत जांच की जा रही है। इस धारा के तहत पीएफ के लिए नियोक्ताओं पर बची हुई राशि के मामले देखे जाते हैं।
इस मामले में फैसला 11 फरवरी को ही आना था लेकिन अब 19 फरवरी को फैसला लिया जाएगा। क्या सुभिक्षा को कोई मोहलत मिलती दिख रही है, इस बाबत इस अधिकारी का कहना है, ‘कानून के हिसाब से तो यह संभव नहीं लगता है।’
बिजनेस स्टैंडर्ड को भेजे एक मेल में सुब्रमण्यन ने कहा है, ‘कानूनी मामला होने के नाते हम इस पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। यह सही है कि ईपीएफओ ने कंपनी के सभी निदेशको समेत वित्तीय निवेशकों के प्रतिनिधियों को भी नोटिस भेजा है।
उन्होंने इस बात से भी इनकार किया कि कंपनी पर इस मद में 5 करोड़ रुपये की देनदारी बनती है। हालांकि, कितनी देनदारी बनती है इसका आंकड़ा भी उन्होंने नहीं दिया।’
ईपीएफओ के अधिकार का कहना है कि इस मामले में अंतिम फैसला आने के बाद कंपनी को 15 दिनों की मोहलत दी जाएगी। इसके बाद भी अगर कंपनी कोई कदम नहीं उठाती है तो फिर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सबसे पहला कदम कंपनी के बैंक खातों को सील किया जाएगा।
पहले तो कंपनी के प्रवर्तकों और बोर्ड के सदस्यों से उनकी हैसियत के हिसाब से भुगतान के लिए कहा जा सकता है। लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो फिर ईपीएफओ उनकी चल और अचल संपत्ति को बेचकर इस राशि की पूर्ति करेगा। इस तरह कंपनी को ब्याज के तौर पर ज्यादा राशि का भुगतान करना होगा।
4,500 कर्मचारियों की भविष्य निधि के लिए नहीं चुकाई राशि
अनुबंधित कर्मचारियों की राशि भी भरनी पड़ सकती है
प्रवर्तकों और बोर्ड सदस्यों की संपत्ति बेच कर जुटाई जाएगी राशि
इस मामले में फैसला होगा 19 फरवरी को