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Dish tv व लेनदारों के बीच बढ़ रहा कानूनी टकराव

डिश टीवी का शेयर मंगलवार को 18 रुपये के आसपास सपाट बंद हुआ।

Published by
देव चटर्जी   
Last Updated- July 11, 2023 | 10:38 PM IST

सैटेलाइट टीवी प्रसारक डिश टीवी इंडिया (Dish TV India) और ऋणदाताओं के बीच नया कानूनी विवाद गहराता जा रहा है, क्योंकि कंपनी के बोर्ड ने दो नए निदेशकों को शामिल किए जाने का सुझाव दिया है, जबकि ऋणदाताओं द्वारा सुझाए गए तीन नामों को नजरअंदाज किया जा रहा है।

कंपनी में बड़ी हिस्सेदारी रखने वाली ऋणदाताओं ने कॉरपोरेट प्रशासनिक खामियों का हवाला देते हुए दो मौजूदा बोर्ड सदस्यों एस अग्रवाल और रश्मि अग्रवाल को हटाए जाने को कहा है, लेकिन बोर्ड ने अब तक इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है।

स्टॉक एक्सचेंजों को मिली जानकारी के अनुसार, ऋणदाताओं ने बोर्ड को भेजे दो पत्रों में कहा है कि बड़े हिस्सेदार मौजूदा बोर्ड में भरोसा खो चुके हैं, क्योंकि वह सभी हितधारकों के हितों को ध्यान में रखकर काम नहीं कर रहा है।

सभी शेयरधारकों पर बढ़ रहा दबाव

एक बैंकिंग अधिकारी ने कहा, ‘ऋणदाताओं से पत्र मिलने के बाद बोर्ड ने इस्तीफा देने के बजाय दो अन्य नामों को शामिल करने का सुझाव दिया है, जबकि ऋणदाताओं द्वारा भेजे गए तीन नामों पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। सभी शेयरधारकों पर दबाव बढ़ रहा है, क्योंकि शेयर कीमतें गिर रही हैं और नुकसान बढ़ रहा है।’वित्त वर्ष 2023 में कंपनी ने 1,110 करोड़ रुपये के राजस्व पर 2,029 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया।

डिश टीवी इंडिया को इस संबंध में भेजे गए ईमेल संदेश का कोई जवाब नहीं मिला है। डिश टीवी का शेयर मंगलवार को 18 रुपये के आसपास सपाट बंद हुआ।

अब इस कंपनी में सुभाष चंद्रा परिवार की हिस्सेदारी 4 प्रतिशत से कम रह गई है। प्रवर्तक इकाइयों द्वारा समय पर कर्ज नहीं चुका पाने और गिरवी शेयर जब्त होने की वजह से डिश टीवी में इस व्यावसायिक घराने की हिस्सेदारी घटती चली गई।

1 जून को डिश टीवी इंडिया ने कहा कि ऋणदाताओं द्वारा वसूली संबंधित नोटिस को अवैध समझा गया था, क्योंकि चार नोटिस कंपनी के शेयरधारकों ने अपने पंजीयक के नियम के तहत जारी नहीं किए, जबकि सात नोटिस डुप्लीकेट थे और इनकी मूल प्रति नहीं सौंपी गई। 11 इकाइयों के नोटिसों के साथ उनके निदेशक मंडलों या प्रशासनिक निकाय या अन्य संस्थाओं द्वारा कोई प्रमाण भी नहीं पेश किया गया था।

ऋणदाताओं में, येस बैंक का डिश टीवी पर सबसे ज्यादा (5,000 करोड़ रुपये) बकाया था। बैंक की अब इस कंपनी में करीब 25 प्रतिशत हिस्सेदारी है। डिश टीवी के लिए ऋण के साथ साथ 20,000 करोड़ रुपये मूल्य के फंसे ऋण संबंधित पोर्टफोलियो को जेसी फ्लॉवर्स के साथ एक संयुक्त उपक्रम को स्थानांतरित किया गया है।

First Published : July 11, 2023 | 10:38 PM IST