सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज की कमान टेक महिंद्रा के हाथ में जाने पर आज कंपनी लॉ बोर्ड (सीएलबी) की मुहर भी लग गई।
सीएलबी ने कंपनी की सहयोगी वेंचरबे को रणनीतिक निवेशक के तौर पर सत्यम में 31 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की इजाजत दे दी, लेकिन इसके एवज में 1,756 करोड़ रुपये कंपनी को 21 अप्रैल तक निश्चित खाते में जमा करने होंगे।
सीएलबी ने इस खरीद की प्रक्रिया के बारे में बात करते हुए सत्यम को अनाथ और रोता हुआ बच्चा बताया। बोर्ड ने वेंचरबे को सत्यम के बोर्ड में अधिकतम 4 निदेशक नियुक्त करने की इजाजत दी और कहा कि सरकार की ओर से नियुक्त 6 निदेशक अगले आदेश तक काम करते रहेंगे। इन निदेशकों पर भी इस साल 9 जनवरी से पहले हुए किसी भी सौदे या गतिविधि की जिम्मेदारी नहीं थोपी जाएगी।
सीएलबी ने अपने आदेश में कहा, ‘तरजीही आधार पर 31 फीसदी शेयर दिए जाने और 20 फीसदी हिस्सेदारी के लिए वेंचरबे की ओर से पूरा भुगतान नकद किए जाने के बाद टेक महिंद्रा को सत्यम के बोर्ड में अधिक से अधिक 4 निदेशकों की नियुक्ति का अधिकार होगा।’ 1,756 करोड़ रुपये जमा करने के बाद निदेशक मंडल 58 रुपये के 30.276 करोड़ शेयर वेंचरबे को जारी कर सकेगा।
टेक महिंद्रा ने निदेशक के तौर पर कंपनी के वाइस चेयरमैन, प्रबंध निदेशक और सीईओ विनीत नैयर, निदेशक उल्हास एन यारगोप, अध्यक्ष (रणनीतिक पहल) संजय कालरा और अध्यक्ष (अंतरराष्ट्रीय परिचालन) सी पी गुरनानी के नाम सुझाए हैं।
सीएलबी ने टेक महिंद्रा की ओर से नियुक्त होने वाले निदेशकों को कानूनी अभयदान प्रदान कर दिया। उसने कहा, ‘राजू की हरकतों की वजह से कंपनी को पहले ही बहुत क्षति पहुंच चुकी है, इसलिए रणनीतिक निवेशक के पास इसकी पूरी दवा होनी चाहिए। इसीलिए वेंचरबे की ओर से नियुक्त निदेशक फौजदारी या दीवानी मामले अथवा दंडात्मक कार्रवाई के अंदेशे के बिना अच्छी तरह अपना काम करेंगे।’
सीएलबी ने क्या कहा अपने आदेश में
टेक महिंद्रा करेगी सत्यम के बोर्ड में 4 निदेशक शामिल
ये निदेशक बचे रहेंगे फौजदारी और दीवानी आरोपों से
9 जनवरी से पहले की जिम्मेदारी नहीं होगी निदेशकों पर
3 साल तक शेयर और 2 साल तक संपत्ति बेचने पर रोक
