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गोल्डमैन सैक्स का अनुमान, RIL की चौथी तिमाही में लाभ मार्जिन कमजोर रह सकता है

FY26 में रिटेल Ebitda में तेजी, जिओ की आय में 24% की ग्रोथ और रिफाइनिंग मार्जिन में सुधार से कमाई फिर रफ्तार पकड़ेगी।

Published by
साई अरविंद   
निमिष कुमार   
Last Updated- April 02, 2025 | 6:48 PM IST

मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) की चौथी तिमाही में लाभ मार्जिन कमजोर रह सकता है। वैश्विक ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन सैक्स के मुताबिक, कंपनी की आय में सुधार वित्त वर्ष 2025-26 (FY26) से शुरू होने की संभावना है।

गोल्डमैन सैक्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि बाजार की निगाहें मुख्य रूप से रिटेल कारोबार की ग्रोथ और जिओ के टैरिफ वृद्धि से जुड़े बचे हुए प्रभावों पर रहेंगी। फर्म ने कहा, “हमें उम्मीद है कि कंपनी FY26 के लिए रिटेल ग्रोथ का मार्गदर्शन देगी और न्यू एनर्जी कैपेसिटी के निर्माण पर भी अपडेट देगी।”

कंपनी की नेट एसेट वैल्यू (NAV) में कुछ सुधार तो हुआ है, लेकिन यह अब भी ऐतिहासिक औसत से नीचे बनी हुई है। इसका कारण FY25 में परिचालन मार्जिन का सपाट रहना और आय में गिरावट का सिलसिला है। हालांकि, ब्रोकरेज को उम्मीद है कि FY26 में रिटेल Ebitda में तेजी, जिओ की आय में 24% की ग्रोथ और रिफाइनिंग मार्जिन में सुधार से कमाई फिर रफ्तार पकड़ेगी।

गोल्डमैन सैक्स ने रिलायंस के शेयर पर ‘Buy’ रेटिंग बरकरार रखी है और इसका टारगेट प्राइस ₹1,640 प्रति शेयर तय किया है, जो रिपोर्ट के प्रकाशन (28 मार्च) के दिन से 28% ऊपर है। फर्म ने कहा कि स्टॉक का मूल्यांकन इसके ऐतिहासिक औसत से नीचे है, जिससे यह निवेश के लिहाज से आकर्षक बना हुआ है।

ऊर्जा कारोबार

गोल्डमैन सैक्स को उम्मीद है कि चौथी तिमाही में ऊर्जा मार्जिन घट सकते हैं, खासकर ऑयल-टू-केमिकल बिजनेस में कमजोर प्रदर्शन के कारण। कमजोर सिंगापुर रिफाइनिंग मार्जिन और कच्चे तेल की ऊंची प्रीमियम दरों की वजह से चौथी तिमाही में रिफाइनिंग मार्जिन पर दबाव रह सकता है।

जनवरी में अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते रूसी कच्चे तेल की आपूर्ति घट गई, जिससे मिडिल ईस्ट के कच्चे तेल की आपूर्ति भी प्रभावित हुई। हालांकि, ब्रोकरेज को उम्मीद है कि RIL अपनी प्रतिस्पर्धियों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करेगा, क्योंकि कंपनी के पास अमेरिकी एथेन गैस के सस्ते दामों का लागत-संबंधी लाभ है।

टेलीकॉम कारोबार (Jio)

गोल्डमैन सैक्स ने अनुमान लगाया है कि वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में जिओ इंफोकॉम की आय ₹30,500 करोड़ हो सकती है, जो तिमाही आधार पर 4% और सालाना 18% की वृद्धि दर्शाती है। वायरलेस सेगमेंट में आय 15% सालाना और 3% तिमाही आधार पर बढ़ सकती है।

FY25 की तीसरी तिमाही में जिओ के सब्सक्राइबर्स की संख्या 3.3 मिलियन बढ़ी थी, और ब्रोकरेज को उम्मीद है कि टैरिफ बढ़ोतरी के बाद कम ग्राहक नुकसान (कम चर्न रेट) और फिक्स्ड वायरलेस एक्सेस की मांग से यह ग्रोथ तेज होगी।

Q4 में 90 लाख नए सब्सक्राइबर्स जुड़ सकते हैं। औसत प्रति उपयोगकर्ता आय (ARPU) दिसंबर 2024 में ₹203 से बढ़कर मार्च 2025 तक ₹209 हो सकती है। ब्रोकरेज के अनुसार, जिओ की ग्रोथ भारती एयरटेल से लगभग 200 बेसिस पॉइंट ज्यादा रह सकती है।

रिटेल कारोबार

गोल्डमैन सैक्स के अनुसार, FY25 की चौथी तिमाही में रिलायंस रिटेल की (कनेक्टिविटी को छोड़कर) बिक्री में सालाना 6.5% की वृद्धि हो सकती है। यह सुधार Q2 में -8.5% और Q3 में 5.7% के बाद लगातार तीसरी तिमाही में सुधार दिखाता है। हालांकि, चौथी तिमाही में एक दिन कम होने के कारण बिक्री वृद्धि में हल्का असर पड़ सकता है।

बिक्री में सुधार के पीछे दो प्रमुख कारण हैं –

किराना व्यवसाय में पुनर्गठन (B2B सेगमेंट का पुनर्गठन और कम मुनाफे वाली दुकानों को बंद करना)

फैशन सेगमेंट पर ट्रेंडी डिजाइनों और बेहतर वैल्यू पर फोकस, जैसे कि नए फास्ट फैशन ब्रांड ‘Yousta’ की लॉन्चिंग।

रिलायंस का शेयर प्रदर्शन

बुधवार को रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर दिन में 0.24% बढ़कर ₹1,255.5 तक गया, लेकिन फिर गिरकर ₹1,250.4 पर आ गया, जो 0.18% की गिरावट है। इसी समय निफ्टी 50 में 0.44% की तेजी देखी गई।

रिलायंस के शेयर लगातार तीसरे दिन गिरावट में रहे। हालांकि, इस साल अब तक कंपनी के शेयर में 2.8% की बढ़त हुई है, जबकि निफ्टी 50 में 1.6% की गिरावट आई है।

First Published : April 2, 2025 | 6:45 PM IST