अपना परिचालन बहाल करने के प्रयास में दिवालिया समाधान प्रक्रिया से गुजर रही भारतीय एयरलाइन गो फर्स्ट ने बुधवार को ऋणदाताओं के साथ हुई बैठक में अतिरिक्त कोष की मांग की है।
बैंकिंग अधिकारियों ने अपनी पहचान गुप्त रखते हुए रॉयटर्स को बताया कि एयरलाइन 4 अरब और 6 अरब रुपये (12.2 करोड़ डॉलर) के बीच अतिरिक्त राशि की मांग कर रही है और ऋणदाताओं द्वारा एक-दो दिन में उसके इस प्रस्ताव पर विचार किए जाने की संभावना है।
एक बैंकर ने कहा कि गो फर्स्ट की योजना जुलाई में अपना परिचालन बहाल करने और 22 विमानों के साथ रोजाना 78 उड़ानें संचालित करने की है। एयरलाइन को भारत के विमानन नियामक से भी मंजूरी लेने की जरूरत होगी।
एक अन्य बैंकर ने कहा कि परिचालन को योजनाबद्ध तरीके से पुन: शुरू करना कई कारकों पर निर्भर करता है, जिनमें नियामकीय मंजूरियां भी शामिल हैं।
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एयरलाइन पर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, आईडीबीआई बैंक और डॉयचे बैंक समेत कई ऋणदाताओं का 65.21 अरब रुपये का कर्ज बकाया है।