खुदरा व धनाढ्य निवेशक (एचएनआई) अफसोस कर रहे होंगे और चीन की फोसुन प्रवर्तित ग्लैंड फार्मा के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम को याद कर रहे होंगे। हैदराबाद की फर्म के आईपीओ की कीमत 1,500 रुपये प्रति शेयर थी, जो सूचीबद्धता के बाद से 40 फीसदी चढ़ चुका है।
सोमवार को यह शेयर 15 फीसदी चढ़कर 2,095 रुपये पर बंद हुआ। एक समय यह शेयर 20 फीसदी के ऊपरी सर्किट पर था और वहां सिर्फ खरीदार थे और कोई विक्रेता नहीं था। बाद मेंं कुछ बिकवाली हुई। शुक्रवार को यह शेयर सूचीबद्ध हुआ था और इश्यू प्राइस के मुकाबले 21 फीसदी की बढ़त के साथ यह 1,820 रुपये पर बंद हुआ था।
हालिया बढ़ोतरी विश्लेषकों की सकारात्मक टिप्पणी के कारण दर्ज हुई है। ब्रोकिंग फर्म एंबिट ने निवेशकों को भेजे नोट मेंं कहा है, जेनेरिक दिग्गजों के मुकाबले ग्लैंड फार्मा ब्रांडिंग की ताकत व नवोन्मेष संबंधों में कमजोर है। हालांकि इसके क्रियान्यन का ट्रैक रिकॉर्ड और बढ़त को लेकर संभावना इन कमियों को पीछे छोड़ देता है। इसमें कहा गया है कि कंपनी को यूएसएफडीए से कोई चेतावनी पत्र नहीं मिला है। इसकी तुलना में सभी जेनेरिक दिग्गजों को अपनी इंजेक्टेबल इकाइयों के लिए इश तरह की परेशानी का सामना करना पड़ा है। एंबिट ने इस शेयर की लक्षित कीमत 2,109 रुपये तय की है। ग्लैंड फार्मा का 6,480 करोड़ रुपये का आईपीओ देसी बाजार में फार्मा कंपनियों के सबसे बड़े आईपीओ में से एक था। संस्थागत निवेशकों के सहारे से यह इश्यू कामयाब रहा। विश्लेषकों ने आकर्षक मूल्यांकन, अच्छी बढ़त दर व मार्जिन के कारण ग्लैंड फार्मा में आवेदन की सिफारिश की थी। लेकिन आईपीओ को सूचीबद्धता से पहले ग्रे मार्केट प्रीमियम को लेकर परेशानी का सामना करना पड़ा था।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के इक्विटी रणनीतिकार (ब्रोकिंग व वितरण) हमांग जानी ने कहा, ग्लैंड फार्मा उम्दा कंपनी है, जिसका ध्यान इंजेक्टेबल पर है। बढ़त व लाभ के मोर्चे पर इसका रिकॉर्ड इच्छा रहा है और नियामकीय अनुपालन का इतिहास भी साफ सुथरा है। कंपनी का भविष्य उज्ज्वल है क्योंंकि उसके 267 एएनडीए आवेदन मेंं से 215 को मंजूरी मिल चुकी है। दवा क्षेत्र केंद्र में है और इसके मजबूत फंडामेंटल व शानदार भविष्य को देखते हुए इस कंपनी में निवेश में काफी रुचि देखने को मिली है।
