फ्यूचर रिटेल ने कर्जदाताओं के साथ चल रहे विवाद का समाधान तैयार करने के लिए उच्चतम न्यायालय से दो हफ्ते का समय मांगा है। फ्यूचर रिटेल निर्धारित समय के भीतर कर्जदाताओं को ऋण का भुगतान करने में असफल रही है और उसके ऋण को अब गैर-निषादित परिसंपत्ति (एनपीए) घोषित कर दिया जाएगा।
कर्जदाताओं कीपरिषद ने मौजूदा विवाद का निपटारा करने और बैंकों को उनकी रकम का भुगतान सुनिश्चित करने के लिए एमेजॉन और रिलायंस के बीच खुली बोली आयोजित करने की सलाह दी है। परिषद ने कहा है कि कर्जदाताओं का फ्यूचर समूह के साथ अनुबंध जमाकर्ताओं की रकम से जुड़ा है और लोक हित का भी मामला है। समूह ने कहा कि कर्जदाताओं की 17,000 करोड़ रुपये रकम दांव पर है। परिषद ने कहा कि अगर ऋण भुगतान एक वर्ष के लिए आगे बढ़ाया जाता है तो कुल बकाया रकम बढ़कर 25,000 करोड़ रुपये हो जाएगी।
फ्यूचर रिटेल ने उच्चतम न्यायालय से कर्जदाताओं को मुद्रीकरण के लिए फ्रेमवर्क एग्रीमेंट के तहत समय समयसीमा आगे खिसकाने की मांग की है। कंपनी ने उसे आवंटित ऋणों पर एनपीए का ठप्पा लगने से बचने के लिए समीक्षा अवधि (30 दिन) भी बढ़ाने की गुहार लगाई है।
कर्जदाताओं की परिषद ने यह भी कहा कि फ्यूचर रिटेल लिमिटेड की बिक्री योग्य पूरी परिसंपत्तियां खुली बोली के लिए पेश की जा सकती हैं। परिषद ने शीर्ष न्यायालय में यह भी कहा कि एमेजॉन और आरआईएल के पास रकम की कोई कमी नहीं है और उन्हें खुली बोली के लिए तैयार होना चाहिए।
फ्यूचर रिटेल कर्जदाताओं को 3,494 करोड़ रुपये का भुगतान निर्धारित समय पर करने से
चूक गया था। इसके बाद कंपनी को बकाया रकम का भुगतान करने के लिए 30 दिनों का समय दिया गया था। यह अवधि 29 जनवरी को समाप्प्त हो गई और अतिरिक्त समय मिलने के बाद भी कंपनी भुगतान करने में असमर्थ रही।
उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में कोई आदेश जारी नहीं किया। मंगलवार को हुई सुनवाई में न्यायालय ने कहा था कि ऋण भुगतान मामले में फ्यूचर रिटेल के खिलाफ की गई कार्रवाई से किसी पक्ष को फायदा नहीं मिलना चाहिए। फ्यूचर रिटेल के वकील ने उच्चतम न्यायालय में कहा कि उसे कुछ समय की जरू रत है और यदि रिलायंस समूह के साथ विलय का सौदा पूरा हुआ तो वह सभी ऋणों का भुगतान कर सकती है।
मंगलवार को अपने आदेश में उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय के तीन आदेशों को निरस्त कर दिया और मध्यस्थता निर्णय पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
एक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर बताया कि फ्यूचर रिटेल अब उनके लिए एनपीए बन चुका है। कंपनी कोआवंटित ऋण का पहले ही पुनर्गठन हो गया था और बैंक वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही इसे ही इसके लिए प्रावधान कर रहे थे।