अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय ने एपिक सिस्टम्स कॉरपोरेशन में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) पर 14 करोड़ डॉलर के दंडात्मक नुकसान की पुष्टि की है। टीसीएस ने अमेरिकी अदालत द्वारा दिए गए आदेश के खिलाफ उच्च अदालत में अपील की थी।
इसके प्रभाव के तौर पर कंपनी अपने तीसरी तिमाही के परिणाम में 12.5 करोड़ डॉलर का प्रावधान करेगी। भारत की सबसे बड़ी आईटी सेवा कंपनी टीसीएस ने नियामकीय जानकारी में इस बारे में स्पष्टीकरण दिया है।
उसने यह भी कहा है, ‘कंपनी का मकसद तीसरी तिमाही और 31 दिसंबर, 2023 को समाप्त 9 महीने की अवधि के लिए असाधारण मदों के तौर पर अपने वित्तीय विवरण में 12.5 करोड़ डॉलर का बकाया प्रावधान करने का है।’
एपिक ने 2014 में टीसीएस के खिलाफ मामला दायर कराया था। उसका आरोप था कि कंपनी ने उसकी बौद्धिक संपत्तियों को चुराया है।
वर्ष 2016 में, अमेरिकी जूरी ने टीसीएस पर 94 करोड़ डॉलर का जुर्माना लगाया था। 2017 में, विसकोंसिन कोर्ट ने दंडात्मक नुकसान पर सीमा का पालन करते हुए जुर्माना राशि घटाकर 42 करोड़ डॉलर कर दी। पिछले साल 2022 में, विसकोंसिन कोर्ट ने इसे और घटाकर 14 करोड़ डॉलर कर दिया।