डाउ जोन्स सस्टेनेबिलिटी इमर्जिंग मार्केट्स इंडेक्स ने जबरदस्त प्रतिस्पर्धा वाले वैश्विक परिवहन एवं परिवहन बुनियादी ढांचा क्षेत्र में अदाणी पोट्र्स ऐंड स्पेशल इकनॉमिक जोन (एपीएसईजेड) को 14वें पायदान पर रखा है। एपीएसईजेड भारत की एकमात्र कंपनी है जिसे इस क्षेत्र में शामिल किया गया है।
इसके साथ ही डीजेएसआई इमर्जिंग मार्केट्स इंडेक्स में एपीएसईजेड की मौजूदगी शुरू हो गई है। डीजेएसआई इमर्जिंग मार्केट्स इंडेक्स दुनिया का सबसे चर्चित स्थिरता सूचकांक है जो विश्व के 20 उभरते बाजारों की सबसे बड़ी 800 कंपनियों में से शीर्ष 10 फीसदी का प्रतिनिधित्व करता है। साथ ही यह दीर्घावधि परिदृश्य, सामाजिक एवं आर्थिक और प्रशासन संबंधी मानदंडों पर आधारित है।
डीजेएसआई की सख्त रेटिंग प्रक्रिया के तहत एपीएसईजेड की ओर से दी गई सभी जानकारियों को आंतरिक दस्तावेजों और वास्तविक जीवन के उदाहरणों के साथ प्रमाणित किया गया। इसके अलावा प्रदान की गई जानकारी की सटीकता को सत्यापित करने के लिए एक स्वतंत्र तीसरे पक्ष द्वारा उसका ऑडिट भी कराया गया है।
एपीएसईजेड को तीन मानदंडों के हर पहलुओं में शीर्ष 20 में रखा गया। कुल मिलाकर, इस साल महज 11 भारतीय कंपनियों ने डीजेएसआई इमर्जिंग मार्केट्स इंडेक्स में जगह बनाई है।
एपीएसईजेड के मुख्य कार्याधिकारी एवं पूर्णकालिक निदेशक करण अदाणी के हवाले से कंपनी की विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘डीजेएसआई इंडेक्स में जगह मिलने से हम प्रसन्न हैं। दुनिया में सबसे तेजी से उभरते एक बाजार के सबसे बड़े मल्टी-पोर्ट ऑपरेटर और लॉजिस्टिक्स कंपनी के तौर पर हम उन जटिलताओं को जानते हैं जिनका हमने सामाना किया है और इसलिए हम डीजेएसआई इंडेक्स की शीर्ष रैंकिंग में शामिल हो पाए हैं। यह निवेशकों, ग्राहकों और कर्मचारियों के प्रति हमारी जवाबदेही का परिचायक है।’
डीजेएसआई को अधिकतर संस्थागत निवेशकों द्वारा अपने पोर्टफोलियो बनाने के लिए संदर्भित किया जाता है और इसे तटस्थ पक्षों द्वारा मूल्यांकन के दौरान वस्तुपरक एवं पेशेवर नजरिये वाली कंपनी के रूप में देखा जाता है।
अदाणी ने कहा, ‘वास्तव में हम इसे कहीं अधिक महत्वाकांक्षी यात्रा के एक पड़ाव के रूप में देखते हैं। इसे हमने स्थिरता संबंधी प्रथाओं को बेंचमार्क करने के लिए अपनी पूर्ण प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करने के लिए शुरू किया है। यह यात्रा न केवल एक उभरते बाजार सूचकांक के लिए बल्कि वैश्विक सूचकांक के लिए है क्योंकि हम वर्ष 2025 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन वाली एकमात्र कंपनी बनने की दिशा में अग्रसर हैं।’
‘पीएलआई योजना उत्साहजनक’
वाहनों के कलपुर्जा बनाने वाली कंपनी मदरसन सूमी ने सरकार की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को काफी उत्साहजनक बताया। कंपनी के चेयरमैन ने कहा कि भारत में मौजूद अवसर 2025 तक 36 अरब डॉलर की एकीकृत आय के उसके लक्ष्य को पूरा करने में मदद कर सकते हैं। मदरसन सूमी सिस्टम्स लिमिटेड के चेयरमैन विवेक चंद सहगल ने कहा कि 2025 तक कंपनी के कुल कारोबार में किसी एक देश की अधिकतम 10 फीसदी हिस्सेदारी की सीमा की सोच के बावजूद कंपनी को लगता है कि भारत में विनिमार्ण के लिए कई स्पष्ट अवसर मौजूद हैं। कंपनी भारत में विनिर्माण को बढ़ावा देगी। भाषा