अगस्त में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की बिक्री जुलाई के मुकाबले 13 प्रतिशत घटकर 1,56,199 रह गई। इसका कारण ज्यादा आधार का असर और संभावित खरीदारों द्वारा त्योहारी सीजन की पेशकशों और सरकारी प्रोत्साहनों के संबंध में स्पष्टता की उम्मीद में खरीदारी टालना रहा।
इस क्षेत्र के विशेषज्ञ और उद्योग के अधिकारी बिक्री में इस गिरावट के लिए कई कारकों को जिम्मेदार मानते हैं जिसमें मूल उपकरण विनिर्माता (ओईएम) और ऐसे ग्राहक शामिल हैं जिन्होंने सरकारी नीतियों और त्योहारी सीजन की छूट के संबंध में स्पष्टता का इंतजार करते हुए निवेश और खरीदारी रोक रखी है।
एनआरआई कंसल्टिंग ऐंड सॉल्यूशंस में ‘केस’ और ‘अल्टरनेटिव पावरट्रेन्स’ के विशेषज्ञ प्रीतेश सिंह ने कहा, ‘अधिक आधार के कारण बिक्री में गिरावट है। सब्सिडी पर सरकार की स्पष्ट नीति न होने से ओईएम निवेश से कतरा रहे हैं और ग्राहकों ने संभावित सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए अपनी खरीदारी स्थगित कर दी है।’
ईवी दोपहिया विनिर्माता जितेंद्र ईवी के सह-संस्थापक एस. शाह इससे कहते हैं कि ग्राहक भी त्योहारी सीजन का इंतजार कर रहे हैं। शाह ने कहा, ‘भारत में त्योहारी महीने वाहन की बिक्री के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। उपभोक्ता इस समय छूट की कोशिश और अनुकूल हालात में महत्वपूर्ण खरीद के ज्यादा इच्छुक रहते हैं।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के ‘वाहन’ के आंकड़ों के अनुसार इस गिरावट के बावजूद अगस्त की बिक्री अब भी इस साल की तीसरी सर्वाधिक मासिक बिक्री रही। इससे पहले मार्च और जुलाई का स्थान रहा, जिनमें क्रमशः 2,13,000 और 1,78,900 वाहन बिके थे। कुल मिलाकर साल 2024 के पहले आठ महीने में वाहनों की बिक्री 12.3 लाख का आंकड़ा पार गई।
अलबत्ता पिछले महीने की तुलना में इस साल मासिक बिक्री में चार गुना गिरावट आई है। फरवरी में जनवरी के मुकाबले 2.3 प्रतिशत की मामूली गिरावट नजर आई, जून में मई की तुलना में 0.5 प्रतिशत की मामूली गिरावट दिखी और अप्रैल में मार्च के मुकाबले 45.6 प्रतिशत की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई। अगस्त में बिक्री में 13.2 प्रतिशत तक की गिरावट आई।
इस साल सर्वाधिक बिक्री और सर्वाधिक गिरावट दोनों ही विशेष नीतिगत बदलावों के बाद के महीनों में नजर आई। पिछले साल मई में बिक्री शीर्ष स्तर पर पहुंच गई थी। इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए फास्टर एडॉप्शन ऐंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक (ऐंड हाइब्रिड) व्हीकल्स (फेम) योजना के तहत अधिकतम सब्सिडी 1 जून से करीब 60,000 से घटाकर 22,500 करने के सरकार के फैसले के बाद ब्रिकी में यह इजाफा हुआ था। इस नीतिगत बदलाव की वजह से मई में बिक्री में उछाल आई और उसके बाद जून में 35 प्रतिशत की गिरावट आई।
इस साल 31 मार्च को फेम सब्सिडी खत्म होने और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम (ईएमपीएस) 2024 की शुरुआत के बाद बिक्री में गिरावट आई। ईएमपीएस में सब्सिडी को आधा कर दिया गया, जिसके परिणामस्वरूप साल की सबसे बड़ी गिरावट आई। उद्योग की सर्वाधिक बिक्री मार्च में दर्ज की गई थी।