बंबई उच्च न्न्यायालय ने एस्सार हाउस प्राइवेट लिमिटेड (रुइया नियंत्रित एस्सार समूह के मुख्यालय ‘एस्सार हाउस’ की मालिक) और एस्सार सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया (एएमएनएस) के लिए लौटाई जाने वाली सुरक्षा राशि जमा करने का निर्देश दिया है।
इस बारे में याचिकाएं आर्बीट्रेशन ऐंड कंसिलिएशन ऐक्ट 1996 की धारा 9 के तहत रक्षात्मक अंतरिम आदेश के तौर पर एएमएनएस इंडिया द्वारा दायर कराई गई थीं। दोनों पक्षों ने उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता सोली कूपर की एकमात्र मध्यस्थता पर सहमति जताई है।
19 दिसंबर को जारी एक आदेश में, एस्सार हाउस प्राइवेट लिमिटेड (ईएचपीएल) को 35.5 करोड़ रुपये आदेश की तारीख से 8 सप्ताह के अंदर प्रोथोनोटरी ऐंड सीनियर मास्टर के पास जमा करने का निर्देश दिया गया था। वहीं वैकल्पिक रूप से, पूरी राशि के साथ साथ ब्याज समेत किसी राष्ट्रीयकृत बैंक की बैंक गारंटी दी जा सकती है।
राशि जमा किए जाने के समय या बैंक गारंटी पूरी किए जाने तक, ईएचपीएल को संपत्तियों के निपटान से रोका गया है। एएमएनएस इंडिया ने मध्यस्थता में अपने दावे के लिए सुरक्षा के तौर पर 35.81 करोड़ रुपये जमा करने की मांग की थी। यह 17 सितंबर 2018 के बिजनेस सेंटर एग्रीमेंट के तहत उसे चुकाई जाने वाली रिफंडेबल सिक्योरिटी राशि थी।
एस्सार समूह के एक अधिकारी ने कहा, ‘मामला विचाराधीन है और इसलिए हम इस पर टिप्पणी नहीं कर सकते। हम सभी उपलब्ध विकल्प तलाश रहे हैं जिसमें इस मामले में उच्च न्यायालय में अपील करना भी शामिल है।’
1 अप्रैल, 2016 को एस्सार स्टील ने एस्सार हाउस का भूतल, पोडियम और 20 अपर तलों पर कब्जे के लिए ईएचपीएल के साथ किराया समझौता किया था। यह समझौता आपसी सहमति से 31 मार्च 2019 तक बढ़ाया गया था।
हालांकि 17 सितंबर, 2018 को एस्सार स्टील ने एस्सार हाउस के 6 तलों पर व्यवसाय केंद्र इकाइयां हासिल करने के लिए ईएचपीएल के साथ कॉरपोरेट रिजॉल्यूशन अवधि के लिए बिजनेस सेंटर एग्रीमेंट किया था। इस समझौते से पिछला किराया समझौता रद्द हो गया था।
27 नवंबर, 2019 को, ईएचपीएल ने एस्सार स्टील से परिसर खाली करने (सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आर्सेलरमित्तल और उसकी भागीदार निप्पॉन स्टील द्वारा एस्सार स्टील के अधिग्रहण का रास्ता साफ किए जाने के बाद) को कहा था। ईएचपीएल ने एस्सार स्टील से प्राप्तियों के साथ इस राशि को समायोजित किया था।
एएमएनएस इंडिया ने एस्सार सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (ईएसआईपीएल) के साथ 15 मई 2014 के सपोर्ट सर्विसेज एग्रीमेंट की समाप्ति पर लौटाई जाने योग्य सुरक्षा राशि के तौर पर 47.41 करोड़ रुपये जमा कराए जाने की भी मांग की।
न्यायालय ने 10 दिसंबर को आठ सप्ताह के अंदर 47.41 करोड़ रुपये की राशि प्रोथोनाटरी ऐंड सीनियर मास्टर के समक्ष जमा कराने का निर्देश दिया था, वैकल्पिक तौर पर ईएसआईपीएल सभी अर्जित ब्याज के साथ पूरी राशि के लिए किसी राष्ट्रीयकृत बैंक की गारंटी दे सकती है।
