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डिविस लैबोरेट्रीज का शेयर पिछले कुछ कारोबारी सत्रों में 10 फीसदी चढ़ा है। यइ इजाफा इस उम्मीद से हुआ है कि सबसे बुरा दौर निकल चुका है और और कंपनी वित्त वर्ष 2022-23 की मार्च तिमाही (वित्त वर्ष 23 चौथी तिमाही) में क्रमिक वृद्धि देख सकती है। वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही के नतीजों के बाद कमाई में एक-तिहाई से ज्यादा की कमी के साथ निफ्टी 50 सूचकांक के शेयरों में सर्वाधिक गिरावट देखी गई।
कंपनी ने वित्त वर्ष 23 की तीसरी तिमाही में एक साल पहले की तिमाही के मुकाबले राजस्व में 32 फीसदी की गिरावट और क्रमिक रूप से आठ फीसदी की गिरावट दर्ज की थी, जो शेयर बाजार की अपेक्षाओं से काफी कम रही। यह गिरावट कस्टम सिंथेसिस कारोबार के कारण आई थी, जो कोविड-19 से संबंधित अधिक आधार के कारण 54 फीसदी तक लुढ़क गया था।
चौथी तिमाही के मामले में हालांकि अधिकांश ब्रोकर सालाना आधार पर गिरावट की संभावना जता रहे हैं, लेकिन उन्हें राजस्व में क्रमिक वृद्धि की उम्मीद है। सिस्टमैटिक्स रिसर्च के विशाल मनचंदा और बेजाद देबू बताते हैं कि डिविस के मामले में सबसे बुरा दौर पीछे छुटने के आसार हैं, जिससे मार्जिन विस्तार के साथ राजस्व में क्रमिक रूप से मध्य स्तर पर एक अंक की वृद्धि दर्ज की जा सकती है।
ब्रोकर को राजस्व में तिमाही आधार पर चार फीसदी की राजस्व वृद्धि और एक साल पहले की अवधि के मुकाबले राजस्व में 30 फीसदी की गिरावट की संभावना लग रही है। ब्रोकर ने शेयर पर ‘सेल’ रेटिंग दी है।
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज को क्रमिक आधार पर 6.4 फीसदी वृद्धि की उम्मीद है, जबकि सालाना आधार पर वृद्धि के लिए इसने 28 फीसदी का अनुमान जताया है।
ब्रोकर के अलंकार गरुडे और समितिनजॉय बसाक के अनुसार बिक्री में गिरावट एंटी-वायरल ड्रग मोल्नुपिराविर के अधिक आधार की वजह से थी। हालांकि कंपनी ने एक साल पहले की तिमाही में 9.5 करोड़ डॉलर की बिक्री दर्ज की थी, लेकिन वित्त वर्ष 23 की चौथी तिमाही में इस दवा की कोई बिक्री नहीं हुई।
शेयर बाजार चौथी तिमाही के परिणामों में जिस प्रमुख मापदंड पर नजर रखेगा, वह है मार्जिन। कंपनी ने वित्त वर्ष 23 की तीसरी तिमाही में अब तक का अपना सबसे खराब मार्जिन प्रदर्शन दर्ज किया था।
जेनेरिक एक्टिव फार्मास्युटिकल घटक खंड में मूल्य निर्धारण के दबाव के कारण क्रमिक आधार पर 57 फीसदी की दर पर सकल मार्जिन सालाना आधार पर 10 फीसदी अंक और 700 आधार अंक (बीपीएस) कम रहा।
अधिक मार्जिन वाले अनुबंध होने और विनिर्माण कारोबार से कम योगदान के साथ-साथ कच्चे माल की महंगाई ने मिलकर इसके लाभ पर दबाव बनाया। ऋणात्मक परिचालन लाभ की वजह से परिचालन लाभ में 63 फीसदी की गिरावट आई, जबकि परिचालन मार्जिन 24 फीसदी के स्तर पर आ गया।
ब्रोकर फर्मों को मार्जिन में क्रमिक सुधार की उम्मीद है। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के अनुसार सकल मार्जिन में क्रमिक रूप से 340 आधार अंकों का सुधार होना चाहिए, हालांकि अधिक लागत वाले स्टॉक का वृद्धिशील प्रभाव कम रहने के कारण वह अब भी सालाना आधार पर 660 आधार अंक तक घटकर 60.1 फीसदी रहेगा।