इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च आन इंटरनैशनल इकोनॉमिक रिलेशंस (इक्रियर) के ताजा अध्ययन के मुताबिक ई-कॉमर्स से नहीं जुड़ सके सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (MSME) की कठिनाई बढ़ी है। इक्रियर के मुताबिक उन्हें बाजार तक पहुंच में दिक्कत हो रही है और तकनीक ने उनके ‘अस्तित्व के लिए खतरा’ पैदा कर दिया है।
सर्वे के मुताबिक, ‘ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से जुड़ने पर एमएसएमई को फायदा हुआ है। वहीं जो फर्में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से नहीं जुड़ पाई हैं, अवसर के बजाय तकनीक उनके अस्तित्व के लिए खतरा हो सकता है।
ई-कॉमर्स से नहीं जु़ड़ सकी फर्मों को बाजार तक पहुंच बनाने में ज्यादा चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं प्लेटफॉर्म से जुड़ी फर्में दूरस्थ बाजारों तक पहुंच रही हैं।’
सर्वे के मुताबिक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्मों से जुड़ी फर्मों को बिक्री, मुनाफा और निवेश बढ़ाने में लाभ हुआ है। सर्वे के मुताबिक ई-कॉमर्स से जुड़ी 63 प्रतिशत फर्में निर्यात केंद्रित हैं जबकि ई कॉमर्स न करने वाली 48 प्रतिशत फर्में ही निर्यात कर पाती हैं।
इसी तरह ई कॉमर्स से जु़ड़ी 35.5 प्रतिशत फर्मों का कारोबार 2021-22 के दौरान 1 करोड़ से 50 करोड़ रुपये के बीच रहा है। वहीं ई-कॉमर्स से दूर सिर्फ 15.6 प्रतिशत फर्मों का कारोबार ही 1 से 50 करो़ड़ रुपये के बीच रहा है।