स्विटजरलैंड की बहुराष्ट्रीय दवा कंपनी रोश की एंटीबॉडी कोकटेल (कैसरिविमैब और इम्डैविमैब) अब भारत में उपलब्ध है। कंपनी की यहां विपणन भागीदार सिप्ला ने सोमवार को यह जानकारी दी। कोविड के मरीजों (किशोरों और बच्चों, दोनों) को ध्यान में रखकर पेश की गई इस दवा की लागत प्रति मरीज 59,750 रुपये होगी।
इस थेरेपी का पहला बैच अभी उपलब्ध है और कंपनी ने कहा है कि दूसरा बैच जून के मध्य तक पेश किया जाएगा। सिप्ला ने कहा है, ‘कुल मिलाकर, उन्हें करीब 200,000 मरीजों को लाभ होने की संभावना है, क्योंकि भारत में उपलब्ध कराए जाने वाले 100,000 पैकेट प्रति दो मरीजों के हिसाब से दो लाख लोगों के उपचार में सक्षम होंगे।’
सिप्ला ने कहा है कि प्रत्येक खुराक की कीमत (600 एमजी कैसिरिविमैब और 600 एमजी इम्टेविमैब, दोनों) सभी करों समेत 59,750 रुपये होगी। मल्टी-डोज पैक के लिए अधिकतम खुदरा कीमत (प्रत्येक पैकेज दो मरीजों का उपचार कर सकेगा) 119,500 रुपये होगी।
विश्लेषकों इसे सिप्ला के लिए बेहद महत्वपूर्ण मान रहे हैं, क्योंकि वह कोविड-19 दवाओं और सैनिटाइजर आदि जैसे अन्य उत्पादों से अपने घरेलू कारोबार का करीब 5 प्रतिशत हिस्सा पहले से ही आकर्षित कर रही है। मुंबई स्थित एक विश्लेषक ने कहा, ‘हमें रोश एंटीबॉडी कोकटेल से 400 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल होने की उम्मीद थी। हालांकि इस कीमत पर और 200,000 मरीजों के कवरेज को देखते हुए हमने अनुमान जताया है कि अकेली इस दवा से राजस्व 800-1000 करोड़ रुपये के बीच हो सकता है।’
सिप्ला भारत में इस दवा का वितरण करेगी और इसे विभिन्न अस्पतालों और कोविड उपचार केंद्रों के जरिये उपलब्ध कराया जाएगा।
केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने हाल में भारत में एंटीबॉडी कोकटेल (कैसिरिविमैब और इम्टेविमैब) के लिए इमरजेंसी यूज अथॉराइजेशन (ईयूए) मुहैया कराया था। उसे अमेरिका और कई यूरोपीय संघ के देशों में भी ईयूए मिला है।
रोश फार्मा इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी वी सिम्पसन इमैनुअल ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि एंटीबॉडी कोकटेल की भारत में उपलब्धता से रोगियों के अस्पताल में ठहरने के समय में कमी आ सकेगी।’
