एड्स रोगियों के लिए सस्ती दवाएं लाने के लिए चर्चित सिप्ला ने भारत में बर्ड फ्लू की दवा के लिए अमेरिका की गिलीड साइंसेज के खिलाफ पेटेंट अधिकार जीत लिया है।
पेटेंट कार्यालय ने तामिफ्लू (ओसेल्टामिविर फॉस्फेट) दवाई के पेटेंट का अधिकार सिप्ला को दे दिया है और पिछले महीने इसे रोकने वाली याचिका को रद्द कर दिया है। देश में इस दवा की मार्केटिंग का अधिकार स्विट्जरलैंड की बहुराष्ट्रीय दवा कंपनी रॉश साइंटिफिक के पास है।
इस दवा के उत्पादन और मार्केटिंग का लाइसेंस हैदराबाद की हेटैरो के पास भी है। ये दोनों कंपनियां मिलकर इस दवा का भारत और अन्य विकासशील देशों में उत्पादन और मार्केटिंग करेगी। सिप्ला ने खुले तौर पर गिलीड के पेटेंट अधिकार रोकने के कदम का विरोध किया था।
बर्ड फ्लू की इस दवा की भारत सहित 49 देशों में आपूर्ति के लिए भी कंपनी ने पूरी तैयारी कर ली है। अब जब पेटेंट का अधिकार कंपनी को मिल गया है, तो वह बिना किसी कानूनी रूकावट के इसका कारोबार कर सकती है। किसी भी देश में बर्ड फ्लू फैलने की स्थिति में कंपनी इस दवा की आपूर्ति सुनिश्चित करा सकती है। जबकि भारत में रॉश ने बर्ड फ्लू की दवा का स्टॉक बनाए रखा है।
