सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी भारत संचार निगम (बीएसएनएल) द्वारा पिछले पांच साल में जारी की गई निविदाओं को लेकर देसी आपूर्तिकर्ताओं की ठंडी प्रतिक्रिया रही है। इस बारे में बीएसएनएल का कहना है कि गैर-प्रतिस्पर्धी दरों की वजह से ऐसा हुआ। अहम अनुबंधों की दरें वैश्विक कंपनियों की दरों की तुलना में 49 से 89 फीसदी ज्यादा रही हैं।
बीएसएनएल ने कहा कि देसी आपूर्तिकर्ताओं ने इस अवधि के दौरान कंपनी द्वारा जारी 35 केंद्रीय निविदाओं में से 20 में प्रतिभागिता तक नहीं की। बीएसएनएल दूरसंचार विभाग (डीओटी) द्वारा मांगी गई जानकारी के जवाब में ये बाते कहीं। डीओटी ने स्थानीय क्षमताओं तथा मेक इन इंडिया योजना में तरजीह देने की नीति के तहत प्रतिस्पर्धा का आकलन करना था।
बीएसएनएल का पत्र महत्त्वपूर्ण है क्योंकि सरकार आगामी 4जी उपकरण की निविदा में देसी आपूर्तिकर्ताओं को अहम भूमिका में लाने की संभावना तलाश रही है। पहले की निविदा को देसी आपूर्तिकर्ताओं की शिकायत के बाद रद्द कर दिया गया था। स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं ने दूरसंचार विभाग से शिकायत में कहा था कि निविदा विदेशी आपूर्तिकर्ताओं को प्रोत्साहित करने वाला है और सरकार द्वारा देसी आपूर्तिकर्ताओं से स्थानीय खरीद को प्रोत्साहित करने की नीति के उलट थी। हालांकि इसमें पेच यह है कि अधिकांश देसी कंपनियों के 4जी उपकरण को अपनी क्षमता साबित करने की जरूरत होगी क्योंकि उसे अभी तक परखा नहीं गया है और इससे बीएसएनएल द्वारा 4जी सेवाएं शुरू करने में देरी हो सकती है। बीएसएनएल ने कहा कि जहां देसी और विदेशी दोनों कंपनियों ने प्रतिभागिता की थी, वहां देसी कंपनियों की बोली काफी ज्यादा थी। उदाहरण के लिए खरीद आपूर्ति, इन्स्टॉलेशन और कमीशनिंग, एएमसी तथा ओटीएन उपकरणों का परिचालन एवं रखरखाव के मामले में देसी कंपनियों की बोली एल1 बोली की तुलना में 88.52 फीसदी अधिक थी। जिन वैश्विक कंपनियों ने निविदा में प्रतिभागिता की थी उनमें जेडटीई, फाइबर होम और कोरिएंट शामिल थीं, वहीं देसी बोलीदाताओं में तेजस प्रमुख थी। वैश्विक आपूर्तिकर्ताओं द्वारा एल1 बोलीदाता ने 273.97 करोड़ रुपये की पेशकश की थी, वहीं देसी आपूर्तिकर्ताओं ने 516 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। दूसरा उदाहरण आपूर्ति, इन्स्टॉलेशन, कमीशनिंग एवं एमपीएलएस-टीपी उपकरण के एएमसी के साथ ही ईएमएस तथा सहायक उपकरण के लिए विदेशी आपूर्तिकर्ताओं की एल1 बोली 333 करोड़ रुपये की थी जबकि देसी आपूर्तिकर्ताओं ने 613 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। बीएसएनएल ने यह भी कहा है कि अगर देसी मूल उपकरण विनिर्माताओं के किसी उपकरण को घोषित किया जाता है तो उनके पास व्यापक स्तर पर इसके उत्पादन की क्षमता हो जिससे घरेलू मांग पूरी की जा सके।
