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Berger Paints को बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच बाजार हिस्सेदारी में वृद्धि की उम्मीद

अपने 100वें साल में बर्जर ने साल 2029 तक कुल 20 हजार करोड़ रुपये के कारोबार का लक्ष्य रखा है।

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ईशिता आयान दत्त   
Last Updated- August 12, 2024 | 11:38 PM IST

भारत की दूसरी सबसे बड़ी पेंट कंपनी बर्जर पेंट्स इंडिया को बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बावजूद अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ने की उम्मीद है और कंपनी साल 2029 तक 20 हजार करोड़ रुपये के कारोबार का लक्ष्य हासिल करने की उम्मीद कर रही है। कंपनी 100वीं आम सभा में बर्जर पेंट्स इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी अभिजित रॉय ने शेयरधारकों को आश्वस्त करते हुए कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है।

रॉय ने कहा, ‘हम हाल में आए अपने सभी प्रतिस्पर्धियों पर नजर बनाए हुए हैं। पेंट उद्योग में लंबे अरसे से प्रतिस्पर्धी रहे हैं। कई बहुराष्ट्रीय कंपनियां आई हैं। उनके पास बेहतर अनुभव, प्रौद्योगिकी और संसाधन हैं।’ उन्होंने कहा कि बर्जर लगातार उन्हें मात देती रहेगी और बाजार में बढ़ना जारी रखेगी।

रॉय का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब आदित्य बिड़ला समूह भी डेकोरेटिव पेंट बाजार में उतर गया है। बर्जर के प्रबंध निदेशक ने कहा कि पिछले चार वर्षों से कंपनी हर साल 0.5 से 0.6 फीसदी बाजार हिस्सेदारी हासिल कर रही है। उन्होंने कहा, ‘हम बाजार हिस्सेदारी में और 0.5-0.6 फीसदी वृद्धि की राह पर हैं।’

अपने 100वें साल में बर्जर ने साल 2029 तक कुल 20 हजार करोड़ रुपये के कारोबार का लक्ष्य रखा है। सालाना आम बैठक के बाद संवाददाताओं से मुखातिब रॉय ने कहा, ‘हमें 10 हजार करोड़ रुपये तक पहुंचने में करीब 100 साल लग गए। अगले छह वर्षों में हम अगले 10 हजार करोड़ रुपये का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।’

वित्त वर्ष 2024 में कंपनी का संयुक्त कारोबार 11,199 करोड़ रुपये का था और स्टैंडअलोन कारोबार 10,003 करोड़ रुपये का था। रॉय को बढ़ते शहरीकरण और वृद्धि बढ़ाने के लिए सरकार के बुनियादी ढांचा क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करने पर भरोसा है।

डेकोरेटिव पेंट श्रेणी में जब भी शहरीकरण में सुधार होता है तब पेटिंग होती है। रॉय ने समझाया, ‘आज भारत में शहरीकरण का स्तर करीब 35 फीसदी है और जब तक शहरीकरण का स्तर 50 से 55 फीसदी नहीं हो जाता है तब तक पेंट की खपत बढ़ने वाली है। इसलिए अभी बहुत बड़ा अवसर है।’

रॉय ने कहा कि प्रोटेक्टिव और जनरल उद्योगों में बर्जर अग्रणी है। उन्होंने कहा, ‘बुनियादी ढांचे पर सरकार का काफी जोर है। हमें सबसे अधिक लाभ होगा।’

हालांकि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही आम चुनावों, मौसम और पश्चिम बंगाल और केरल जैसे बाजारों में नरमी से प्रभावित रही। तीसरी और चौथी तिमाही में कीमतों में गिरावट से मूल्य बिक्री प्रभावित हुई।

First Published : August 12, 2024 | 10:45 PM IST