गो फर्स्ट के ऋणदाता एयरलाइन का परिचालन पुन: शुरू करने के लिए जरूरी 400 करोड़ रुपये के अंतरिम वित्त पोषण के लिए आगे बढ़ सकते हैं। गो फर्स्ट ने 2 मई को अस्थायी तौर अपना परिचालन बंद कर दिया और 10 मई को उसे दिवालिया समाधान प्रक्रिया के लिए शामिल किया गया था। बुधवार को एयरलाइन के समाधान पेशेवर शैलेंद्र अजमेरा ने गो फर्स्ट के लेनदारों की समिति (COC) को 400 करोड़ रुपये से अधिक की व्यावसायिक योजना सौंपी थी।
COC में गो फर्स्ट के ऋणदाता – बैंक ऑफ बड़ौदा, सेंट्रल बैंक, डॉयचे बैंक और आईडीबीआई बैंक शामिल हैं जिनका संयुक्त रूप से एयरलाइन पर 6,500 करोड़ रुपये से ज्यादा बकाया है। इस प्रक्रिया से जुड़े एक व्यक्ति ने कहा, ‘बैंक प्रतिनिधियों ने एयरलाइन के वित्तीय मदद संबंधित अनुरोध पर चर्चा के लिए गुरुवार को फिर से बैठक की। एयरलाइन की कायाकल्प योजना का विश्लेषण किया गया।’
ऋणदाताओं द्वारा अगले दो-तीन दिन में इस बारे में निर्णय लिए जाने की संभावना है और इसके बाद संबद्ध बैंकों के बोर्डों को अतिरिक्त फंडिंग को मंजूरी देनी होगी। अतिरिक्त फंडिंग को अंतरिम वित्त पोषण के तौर पर देखा जाएगा, क्योंकि इसे दिवाला प्रक्रिया के तहत अन्य सभी ऋणों के मुकाबले प्राथमिकता हासिल है।
गो फर्स्ट ने शुरुआती चरण में 22 विमानों के साथ रोजाना करीब 150 उड़ानें संचालित करने की योजना बनाई है। अजमेरा और वरिष्ठ अधिकारियों ने परिचालन बहाल किए जाने और संबद्ध चिंताएं दूर करने के लिए डीजीसीए के
अधिकारियों को भी अवगत कराया है। नियामक के लिए मुख्य चिंता एयरलाइन के वित्तीय स्थायित्व और उपभोक्ता हितों से जुड़ी हुई है। गो फर्स्ट का इरादा 1 जुलाई से परिचालन शुरू करने का है और इसे फिर से शुरुआत करने तथा टिकटों की बिक्री के लिए डीजीसीए की मंजूरी की जरूरत है।
हालांकि पुनरुद्धार के प्रयास चल रहे हैं, लेकिन गो फर्स्ट इंजन विनिर्माता प्रैट ऐंड व्हिटनी (पीऐंडडब्ल्यू) के आवेदन को भी चुनौती दे रहा है।
30 मार्च को गो फर्स्ट को सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र से अंतरिम राहत मिली थी, जब उसने पीऐंडडब्ल्यू को दिसंबर 2023 तक विमानन कंपनी को निश्चित संख्या में अतिरिक्त इंजन की आपूर्ति करने का निर्देश दिया था।
इंजन विनिर्माता को आदेश दिया गया था कि वह सभी उचित कदम उठाए और आदेश के 28 दिनों के भीतर बिना किसी देरी के पट्टे के कम से कम 10 अतिरिक्त इंजन जारी करे तथा दिसंबर तक हर महीने पट्टे वाले 10 अतिरिक्त इंजन दे।
पीऐंडडब्ल्यू और गो फर्स्ट ने सवालों का जवाब नहीं दिया। मई की शुरुआत में अमेरिकी अदालत में गो फर्स्ट के प्रवर्तन आवेदन का विरोध करते हुए इंजन विनिर्माता ने कहा था कि इंजनों पर विमानन कंपनी का अधिकार नहीं है।