अशोक लीलैंड (Ashok Leyland) के चेयरमैन के रूप में 15वें साल में प्रवेश करने जा रहे धीरज हिंदुजा (Dhiraj Hinduja) ने चेन्नई में शाइन जैकब को बातचीत के दौरान बताया कि नई सरकार से कंपनी की क्या उम्मीदें हैं।
उन्होंने हल्के वाणिज्यिक वाहन (एलसीवी) श्रेणी में रणनीति और स्विच मोबिलिटी की फंडिंग के बारे में भी बताया। प्रमुख अंश :
-आपका लक्ष्य भविष्य में शीर्ष 10 वैश्विक वाणिज्यिक विनिर्माताओं में शामिल होने का है। निर्यात की क्या भूमिका होगा?
करीब 15 साल पहले हमारे पास केवल दो ही बसें थीं जो निर्यात का हमारा मुख्य आधार थीं। आज हमारे पास बसों से लेकर ट्रकों तक का दमदार पोर्टफोलियो है। हमारे पास कभी भी बायीं तरफ स्टीयरिंग वाले ट्रक नहीं थे। वाहनों का यह मजबूत आधार हमें कई बाजारों में प्रवेश में सक्षम बनाता है।
आज खाड़ी सहयोग परिषद ने अशोक लीलैंड को विश्वसनीय ब्रांड के रूप में स्वीकार कर लिया है। मुझे लगता है कि पश्चिम एशियाई बाजार मजबूत बना हुआ है। सार्क बाजार दोबारा सक्रिय हो रहा है। हालांकि अफ्रीका में हम 15 देशों में मौजूद नहीं हैं, फिर भी यहां उतार-चढ़ाव रहा है। हम इंडोनेशिया, मलेशिया और फिलिपींस में उतरने की सोच रहे हैं।
-अशोक लीलैंड इस साल एलसीवी श्रेणी में छह मॉडलों का अनावरण कर रही है। इसकी क्या वजह है जबकि ग्रामीण मांग इतनी ज्यादा नहीं है?
साल 2011 तक हम हल्के वाणिज्यिक वाहन क्षेत्र में नहीं थे। पिछले 12 से 13 वर्षों के दौरान हमने काफी ज्यादा जोर दिया है। शुरुआत में हम निसान के सहयोग से मॉडल लाए थे। जब हम इस संबंध में सहज हो गए, तो हमें एहसास हुआ कि हमें खुद ही निवेश की जरूरत है। दो से साढ़े तीन टन वाली श्रेणी में अब हमारी बाजार हिस्सेदारी 20 प्रतिशत है तथा हम लॉजिस्टिक्स और ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ वितरण नेटवर्क में वृद्धि के अवसर देख रहे हैं।
अशोक लीलैंड (Ashok Leyland) ने मार्च में ई-एलसीवी पेश किया था। आपने विभिन्न कंपनियों से 1,3,000 गाड़ियों के लिए अग्रिम रुचि देखी है।
-आपको जो प्रतिक्रिया मिल रही है, उसे आप किस तरह देखते हैं?
हम केवल अप्रैल में ही लगभग 60 से 80 वाहन बेच चुके हैं। ऑर्डर बुक लगातार बढ़ रही है। जो भी इस वाहन का परीक्षण कर रहा है, वह अच्छी प्रतिक्रिया दे रहा है। एक दिक्कत यह है कि फेम सब्सिडी वापस ले ली गई। सरकार फेम 3 की बात कर रही है, अगर वह वापस आती है, तो इसमें तेजी आएगी।
-आप स्विच मोबिलिटी में किसी रणनीतिक भागीदार पर विचार कर रहे थे। उसकी क्या स्थिति है?
इलेक्ट्रिक वाहनों के संबंध में वैश्विक स्तर पर उत्साह नहीं है। यहां तक कि हम जो चर्चा कर रहे थे, उसमें भी हमें नहीं लगा कि मूल्यांकन सही था। आज अशोक लीलैंड अपनी वित्तीय स्थिति के मामले में मजबूत स्थिति में है।
हमें नहीं लगता कि यह बात जरूरी है कि हमें किसी को ऐसे मूल्यांकन पर इक्विटी देनी चाहिए जो उचित कीमत के अनुरूप न हो। हम फिलहाल स्विच मोबिलिटी में निवेश करना जारी रखेंगे।
-आप अशोक लीलैंड के अध्यक्ष के रूप में 15वें साल में प्रवेश कर रहे हैं। अब तक की यात्रा को कैसे देखते हैं?
मैं अशोक लीलैंड के साथ 30 वर्षों से जुड़ा हुआ हूं। लेकिन विकास टीम के जरिए आता है। इसके बाद भले ही प्रबंध निदेशक रहे हों लेकिन अशोक लीलैंड की सबसे बड़ी ताकत उसके वाहनों से ज्यादा उसकी टीम है।
हमने दमदार वृद्धि देखी है। साल 2010-11 से हमने हल्के वाणिज्यिक वाहन शुरू किए। साल 2007-08 में हमने अपने इंजन बनाने शुरू कर दिए और हम लगातार मजबूत होते गए।