आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया (एएम/एनएस इंडिया) भारतीय इस्पात बाजार में बड़ी पारी खेलने की तैयारी कर रही है। फिलहाल कंपनी अगले चरण के लिए अपनी विस्तार योजनाएं तैयार करने में जुटी है। इसके तहत अगले तीन वर्षों के दौरान कंपनी अपनी क्षमता में 50 लाख टन की वृद्धि करेगी।
एएम/एनएस इंडिया के मुख्य कार्याधिकारी दिलीप ओमेन ने कहा कि इस साल 1.4 करोड़ टन तक जबरदस्त विस्तार होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ‘अगले चरण में हम इसे 1.8 करोड़ टन तक ले जाएंगे।’ गुजरात के हजीरा में डाउनस्ट्रीम सहित विस्तार के दो चरणों में करीब 50,000 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है। हजीरा की क्षमता करीब 90 लाख टन हो गई है।
हजीरा में 90 लाख टन से 1.4 करोड़ टन क्षमता के विस्तार के लिए एएम/एनएस इंडिया के पास भूमि उपलब्ध है जबकि दूसरे चरण के विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है। ओमेन ने कहा, ‘हमने गुजरात सरकार के साथ काफी अच्छी प्रगति की है।’ हालांकि उन्होंने बताया कि दूसरे चरण के लिए लॉजिस्टिक्स की व्यवस्था करनी होगी। इसके लिए बंदरगाह प्रतिष्ठानों में विस्तार करने के अलावा संयंत्र तक रेलवे लाइन बिछाना और सड़क लॉजिस्टिक्स में सुधार करना होगा। ओमेन ने कहा, ‘इसके लिए काफी काम पहले ही शुरू हो चुके हैं।’ पहला चरण तीन साल में पूरा होगा जबकि दूसरे चरण के लिए एएम/एनएस इंडिया के पास हजीरा को लेने अथवा ओडिशा में एक नया संयंत्र स्थापित करने का विकल्प है। मार्च में एएम/एनएस इंडिया ने आर्सेलरमित्तल के कार्यकारी चेयरमैन लक्ष्मी मित्तल और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की उपस्थिति में 50,000 करोड़ रुपये के निवेश से 1.2 करोड़ टन क्षमता के एक एकीकृत इस्पात संयंत्र स्थापित करने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे। ओमेन ने कहा, ‘ओडिशा में हम 1.2 करोड़ टन क्षमता के संयंत्र के लिए राज्य सरकार के साथ काफी सक्रियता से बातचीत कर रहे हैं। फिलहाल इस पर हमारे सभी क्षेत्र के विशेषज्ञ काम कर रहे हैं और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है।’ भले ही प्रमुख विस्तार की योजनाएं तैयार की जा रही हैं लेकिन हजीरा अथवा ओडिशा में 14,500 करोड़ रुपये के निवेश की तैयारी चल रही है।
कंपनी की वृद्धि योजनाओं में विलय-अधिग्रहण भी शामिल होंगे। एएम/एनएस इंडिया ने नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड (एनआईएनएल) के लिए अभिरुचि पत्र जमा कराया है। सरकार इस कंपनी का निजीकरण करने जा रही है। ओमेन ने कहा, ‘भविष्य में आने वाली सभी अवसरों के लिए हमारे दरवाजे खुले रहेंगे। हम अवसरों का बहुत बारीकी से अध्ययन कर रहे हैं और हम उनमें शिरकत करेंगे।’
जाहिर तौर पर दुनिया की अग्रणी इस्पात कंपनियों- आर्सेलरमित्तल और निप्पॉन स्टील- का यह संयुक्त उद्यम भारत में बड़ा दांव लगाने की तैयारी कर रहा है। इन दोनों कंपनियों ने साल 2019 में दिवालिया प्रक्रिया के तहत 42,000 करोड़ रुपये में एस्सार स्टील का अधिग्रहण किया था जिसे बाद में एएम/एनएस इंडिया नाम दिया गया।
