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Air India ने 787 हादसे से पहले उड़ाए ‘ओवरड्यू’ जांच वाले विमान

Air India: इस साल अब तक एयरलाइंस को कुल 23 सेफ्टी नोटिस या पेनल्टी जारी की गई हैं, जिनमें से आधे से ज्यादा एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस से जुड़े हैं।

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वसुधा मुखर्जी   
Last Updated- June 20, 2025 | 12:45 PM IST

Air India plane crash: भारत के नागरिक उड्डयन नियामक DGCA (डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) ने अहमदाबाद में हुए घातक विमान हादसे से कुछ दिन पहले ही एयर इंडिया को सुरक्षा से जुड़ी गंभीर खामियों को लेकर चेतावनी दी थी। रॉयटर्स द्वारा देखे गए आधिकारिक दस्तावेजों के मुताबिक, कई विमानों में आपातकालीन इक्विपमेंट की समय पर जांच नहीं होने जैसी लापरवाहियों को चिन्हित किया गया था।

इन चेतावनियों के बावजूद 12 जून को एयर इंडिया के बोइंग 787-8 विमान के क्रैश में 271 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें से कम से कम 30 लोग जमीन पर मौजूद थे। हालांकि, DGCA ने यह साफ किया है कि जिन सुरक्षा नियमों के उल्लंघन की बात की गई थी, उनका हादसे की वजह से कोई सीधा संबंध नहीं है।

फिर भी, इन रिपोर्ट्स के सामने आने से एयर इंडिया की कार्यप्रणाली पर सवाल और गहरे हो गए हैं। गौरतलब है कि एयर इंडिया का अधिग्रहण 2022 में टाटा समूह ने किया था, और तब से कंपनी की सुरक्षा मानकों पर निगरानी बनी हुई है।

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कई विमानों में इमरजेंसी स्लाइड की जांच नहीं हुई, DGCA ने चेतावनी दी

एयर इंडिया के कई विमानों ने बिना जरूरी सुरक्षा जांच के उड़ान भरी, जिससे यात्रियों की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। डीजीसीए (DGCA) की मई में हुई स्पॉट जांच में सामने आया कि तीन एयरबस विमानों में इमरजेंसी स्लाइड की अनिवार्य जांच नहीं की गई थी, जो किसी भी आपात स्थिति में यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए जरूरी होती है।

DGCA की रिपोर्ट के मुताबिक, एक एयरबस A320 विमान दुबई, रियाद और जेद्दा जैसे अंतरराष्ट्रीय रूट्स पर उड़ान भरता रहा, जबकि इसकी इमरजेंसी स्लाइड की जांच एक महीने से ज्यादा समय से लंबित थी। दूसरा विमान, एयरबस A319, जो घरेलू उड़ानों पर था, उसमें तीन महीने से अधिक समय से जांच नहीं हुई थी। वहीं, तीसरे विमान में यह जांच दो दिन की देरी से होनी थी।

रिपोर्ट में DGCA ने साफ कहा कि बिना जांच या समयसीमा के बाद इमरजेंसी उपकरणों के साथ विमान उड़ाना सुरक्षा मानकों का उल्लंघन है। इसके अलावा, एयर इंडिया की ओर से समय पर जांच और अनुपालन रिपोर्ट भी जमा नहीं की गई, जिससे यह साफ हुआ कि कंपनी की प्रक्रियाओं में गंभीर लापरवाही है।

नियामक ने चेतावनी दी है कि अगर किसी विमान में अनिवार्य सुरक्षा जांच नहीं हुई हो, तो उसकी ‘एयरवर्दिनेस सर्टिफिकेट’ (उड़ान की अनुमति) स्वतः निलंबित मानी जाती है। इस मामले में एयर इंडिया के CEO कैंपबेल विल्सन समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया है, जिनमें एयरवर्दिनेस, क्वालिटी और प्लानिंग विभागों के जिम्मेदार अधिकारी शामिल हैं।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि एक बार मेंटेनेंस के दौरान AI Engineering Services के एक इंजीनियर ने गलती से एक इमरजेंसी स्लाइड को एक्टिवेट कर दिया, जिसके बाद जांच में यह लापरवाही सामने आई।

Air India ने मेंटेनेंस रिकॉर्ड की जांच तेज की

एयर इंडिया ने अपने विमानों के मेंटेनेंस रिकॉर्ड, खासकर ‘एस्केप स्लाइड’ की जांच से जुड़े दस्तावेजों की समीक्षा तेज कर दी है। एयरलाइन का कहना है कि यह प्रक्रिया जल्द पूरी कर ली जाएगी।

इस बीच, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) को कुछ विमानों के पंजीकरण दस्तावेज पुराने मिले। हालांकि एयर इंडिया ने दावा किया कि केवल एक विमान को छोड़कर बाकी सभी विमान नियमों के मुताबिक हैं और इससे किसी तरह का सुरक्षा जोखिम नहीं है।

DGCA ने एयरलाइन पर ‘आंतरिक निगरानी में कमी’ और ‘सिस्टम की विफलता’ का आरोप लगाते हुए सख्त टिप्पणी की है।

2024 में एयर इंडिया, सब्सिडियरी के सबसे ज्यादा सेफ्टी नोटिस

एयर इंडिया और उसकी कम-लागत वाली सब्सिडियरी एयर इंडिया एक्सप्रेस को 2024 में सबसे ज्यादा सुरक्षा संबंधी चेतावनियां और जुर्माने मिले हैं।

नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री ने बताया कि इस साल अब तक एयरलाइंस को कुल 23 सेफ्टी नोटिस या पेनल्टी जारी की गई हैं, जिनमें से आधे से ज्यादा एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस से जुड़े हैं।

इन मामलों में सबसे बड़ा जुर्माना 1.27 लाख डॉलर (करीब ₹1.05 करोड़) का लगाया गया, जो कि सैन फ्रांसिस्को जा रही एक फ्लाइट में ऑक्सीजन सप्लाई पर्याप्त न होने के कारण हुआ। इसके अलावा एक और गंभीर मामला सामने आया, जिसमें एक व्यक्ति बिना अनुमति के कॉकपिट में घुस गया था।

नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने यह भी पाया कि कई विमानों के रजिस्ट्रेशन डॉक्युमेंट्स अपडेट नहीं थे। एयर इंडिया का कहना है कि केवल एक विमान में यह समस्या थी और इससे उड़ान की सुरक्षा पर कोई असर नहीं पड़ा। हालांकि, DGCA ने एयरलाइन की आंतरिक निगरानी को “अपर्याप्त” बताते हुए इसे “सिस्टम स्तर की विफलता” करार दिया। 

10 साल में सबसे भयानक विमान हादसा बना अहमदाबाद क्रैश

12 जून को अहमदाबाद में हुआ विमान हादसा अब बीते एक दशक का सबसे खतरनाक हवाई हादसा बन गया है। लंदन जा रहा बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर टेक-ऑफ के कुछ ही मिनटों बाद एयरपोर्ट के पास स्थित एक मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से टकरा गया। इस हादसे में कुल 271 लोगों की जान चली गई।

इस विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें से 241 की मौत हो गई। मरने वालों में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश नागरिक, 7 पुर्तगाली, 1 कनाडाई और 12 क्रू मेंबर्स शामिल थे। इसके अलावा हादसे की चपेट में आकर जमीन पर मौजूद कम से कम 30 लोगों की भी जान चली गई। विमान में केवल एक व्यक्ति जीवित बचा—40 वर्षीय विश्वासकुमार रमेश, जो इमरजेंसी एग्जिट के पास बैठे थे।

अब जांच एजेंसियां इस क्रैश के कारणों का पता लगा रही हैं। शुरुआती जांच में शक है कि टेक-ऑफ के वक्त इंजन थ्रस्ट, फ्लैप्स और लैंडिंग गियर में गड़बड़ी हो सकती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, टेक-ऑफ के समय लैंडिंग गियर पूरी तरह रिट्रैक्ट नहीं हुआ था। दोनों ब्लैक बॉक्स मिल चुके हैं और उनका विश्लेषण किया जा रहा है। 

First Published : June 20, 2025 | 12:19 PM IST