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विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) अगस्त के दूसरे पखवाड़े के दौरान घरेलू इक्विटी में 14,020 करोड़ रुपये के शुद्ध बिकवाल रहे। लिहाजा, वित्तीय सेवाओं और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) शेयरों को सबसे ज्यादा झटका लगा। प्राइम इन्फोबेस द्वारा संकलित आंकड़ों से यह जानकारी मिली।
वित्तीय सेवाओं में सबसे अधिक निकासी देखी गई जहां एफपीआई ने 9,817 करोड़ रुपये निकाले। इसके बाद आईटी (4,905 करोड़ रुपये), तेल गैस और कंज्यूमेबल फ्यूल (2,017 करोड़ रुपये), बिजली (1,708 करोड़ रुपये) और दूरसंचार (1,680 करोड़ रुपये) का स्थान रहा।
दूसरी ओर एफपीआई की खरीदारी की अगुआई ऑटोमोबाइल और ऑटो कलपुर्जा (2,617 करोड़ रुपये) ने की। इन क्षेत्रों को वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) की दरों को तर्कसंगत बनाने से उत्पन्न आशावाद से मदद मिली। एफपीआई ने सेवा क्षेत्र (1,967 करोड़ रु.), रसायन (1,161 करोड़ रु.), निर्माण सामग्री (785 करोड़ रु.) और पूंजीगत वस्तुओं (764 करोड़ रु.) में भी रुचि दिखाई।
सकारात्मक एफपीआई निवेश के चलते अगस्त में निफ्टी ऑटो इंडेक्स में 5.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई जबकि बेंचमार्क निफ्टी 50 इंडेक्स में 1.4 फीसदी की गिरावट आई। विश्लेषकों ने जीएसटी पुनर्निर्धारण के बाद ऑटो पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने को इसका श्रेय दिया।
बाजार के एक रणनीतिकार ने कहा, वाहन निर्माताओं के लिए धारणा इस कारण अनुकूल हो गई क्योंकि जीएसटी की प्रभावी दरों में कमी से मांग और राजस्व वृद्धि के आसार हो गए। इसके विपरीत वृद्धि की अनिश्चितताओं, पहली तिमाही की कमजोर आय तथा वैश्विक प्रतिकूल हालात के बीच चुनौतीपूर्ण निर्यात परिदृश्य के कारण आईटी क्षेत्र में बिकवाली हुई।