एयर इंडिया ने आज कहा कि वह नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के पिछले सप्ताह के फैसले के खिलाफ अपील करने में उस पायलट की सहायता करेगी, जो 26 नवंबर को न्यूयॉर्क से दिल्ली जाने वाली उड़ान के कमांडर थे, जब पेशाब करने की पहली घटना हुई थी।
नियामक ने ‘अपने कर्तव्य पूरे करने में विफल’ रहने की वजह से तीन महीने की अवधि के लिए पायलट का लाइसेंस निलंबित करने का फैसला किया था।
इस बीच मंगलवार को एयर इंडिया के छह कर्मचारी संघों ने डीजीसीए को पायलट का निलंबन वापस लेने के लिए एक संयुक्त याचिका भेजी, जिसमें इस कार्रवाई को ‘कठोर दंड’ बताया गया है।
विमान कंपनी ने एक बयान में कहा कि गंभीरता कम करने वाली परिस्थितियों और डी-रोस्टरिंग की अवधि के दौरान चालक दल द्वारा पहले से ही उठाए गए वित्तीय नुकसान के मद्देनजर एयर इंडिया कमांडर के लाइसेंस के निलंबन को बहुत ज्यादा मानती है और अपील में उसकी सहायता करेगी।