केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) और बायोकॉन बायोलॉजिक्स के बीच विवाद के बीच बायोकॉन समूह की एक अन्य कंपनी सिंजीन इंटरनैशनल ने बायोइनोवेट रिसर्च सर्विसेज से अपनी दूरी बना ली है क्योंकि रिश्वत मामले में बायोइनोवेट के प्रवर्तक का भी उल्लेख किया गया है। कंपनी ने हाल में बायोइनोबेट के साथ अपने सलाहकार अनुबंध को खत्म कर दिया।
सिंजीन इंटरनैशनल एक अनुसंधान, विकास एवं विनिर्माण कंपनी है जो वैश्विक फार्मास्युटिकल, बायोटेक आदि ग्राहकों को अपनी सेवाएं प्रदान करती है। उसने बायोइनोवेट के साथ अपना अनुबंध खत्म कर दिया है।
बायोइनोवेट रिसर्च सर्विसेज के गुलजीत सेठी (उर्फ गुलजीत चौधरी) को बायोकॉन के रिश्वत मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किया गया है। उस रिश्वत मामले में संयुक्त औषधि नियंत्रक ईश्वर रेड्डी, सिनर्जी नेटवर्क के निदेशक दिनेश दुआ और बायोकॉन बायोलॉजिक्स के सहायक उपाध्यक्ष एवं प्रमुख (राष्ट्रीय नियामकीय मामले) एल प्रवीण कुमार का नाम सामने आया है। सीबीआई ने अपनी एफआईआर में कहा है कि दुआ और सेठी ने दवा कंपनी की ओर से प्रतिनिधि के तौर पर काम किया।
सेठी बायोइनोवेट रिसर्च के मालिक हैं और उनके लिंक्डइन प्रोफाइल से पता चलता है कि बायोइनोवेट फार्मास्युटिकल दवा विकास क्षेत्र में ज्ञान संसाधन वाली कंपनी है। वह वास्तविक क्लीनिकल नतीजे देने वाली वैश्विक एवं स्थानीय बायोफार्मास्युटिकल कंपनियों, अनुबंध आधारित अनुसंधान कंपनियों आदि को अपनी सेवाएं प्रदान करती है।
सिंजीन इंटरनैशनल के प्रवक्ता ने इस खबर की पुष्टि करते हुए कहा, ‘बायोइनोवेट को फार्मा उद्योग में अग्रणी सलाहकार सेवा प्रदाता के तौर पर जाना जाता है और अन्य तमाम कंपनियों की तरह सिंजीन ने भी उसके साथ सलाहकार अनुबंध किया था।’
प्रवक्ता ने कहा कि सिंजीन के पास कोई उत्पाद नहीं है और वह किसी अन्य कंपनी के उत्पादों की मार्केटिंग भी नहीं करती है। इसलिए उसका कारोबारी मॉडल बायोकॉन बायोलॉजिक्स के मुकाबले अलग है।