एलआईसी की सूचीबद्घता के बाद आईडीबीआई की बिक्री पर होगा जोर

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 9:45 PM IST

सरकार भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का सार्वजनिक आरंभिक निर्गम (आईपीओ) लाने के बाद आईडीबीआई बैंक की रणनीति बिक्री के लिए संभावित निवेशकों से सपंर्क करना आरंभ करेगी और रोड शो की शुरुआत करेगी। इसकी बिक्री में पहले ही देर हो चुकी है। यह जानकारी इस मामले से अवगत अधिकारियों ने दी है। अधिकारियों ने कहा कि केंद्र एयर इंडिया के विनिवेश से सबक लेते हुए निवेशकों की प्रतिकिया जानने के बाद बैंक की बिक्री का ढांचा तैयार करेगी।
देश के सबसे बड़े बीमाकर्ता को स्टॉक एक्सचेंज पर लाने के कार्य में पूरी तरह से अधिकारी जुटे हैं ताकि इसकी बड़ी सफलता सुनिश्चित की जा सके। इस कार्य के लिए काफी सारे विधायी और अनुपालन संबंधी कार्यों को पूरा करना पड़ा है। निवेश एंव सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) एलआईसी का आईपीओ जल्द से जल्द लाने के कार्य में जुटा है। एलआईसी की सूचीबद्घता भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों पर अब तक की सबसे बड़ी सूचीबद्घता साबित हो सकती है।
इससे आईडीबीआई बैंक के रणनीतिक विनिवेश में कुछ देरी हो सकती है। एक शीर्ष अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘हमने दिसंबर में आईडीबीआई बैंक के प्राथमिक सूचना मसौदा (पीआईएम) को जारी करने की योजना बनाई थी लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के साथ सौदे के स्वरूप पर विचार करने में थोड़ा वक्त लग गया।’ इस बिक्री के लिए आगामी खरीदार पर स्पष्टता की जरूरत होगी जिसमें बैंक में बहुलांश शेयरधारिता रखने की अनुमति देने, कंसोर्टियम के माध्यम से से बोली लगाने की अनुमति सहित अन्य बातें शामिल हैं।
रोड शो का आयोजन एलआईसी का आईपीओ आने के बाद किया जाएगा। अधिकारी ने कहा कि मार्च में रोड शो का आयोजन करने का लक्ष्य है। रोड शो पहले आयोजित करने की योजना बनाई गई थी लेकिन महामारी की तीसरी लहर ने कार्यक्रम को पटरी से उतार दिया।  
एलआईसी की सूचीबद्घता की प्रक्रिया के कारण से न केवल आईडीबीआई की बिक्री में देरी हुई है बल्कि अन्य विनिवेश और प्रस्ताव भी पीछे खिसक गए हैं। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि 31 मार्च, 2022 से पहले एलआईसी को सार्वजनिक करना सरकार की शीर्ष प्राथमिकता में शामिल है। इसके जरिये केंद्र वित्त वर्ष 2022 के लिए 1.75 लाख करोड़ रुपये के बजटीय लक्ष्य के करीब पहुंचना चाहता है।
भारत पेट्रोलियम जैसा बड़े निजीकरण की प्रक्रिया अगले वित्त वर्ष में जा सकती है क्योंकि बहुत सारे बोलीदाताओं को सौदा के लिए साझेदार नहीं मिले हैं।

First Published : January 23, 2022 | 11:19 PM IST