सिंगापुर के सॉवरिन वेल्थ फंड और हॉन्ग-कॉन्ग की लॉजिस्टिक्स डेवलपर ईएसआर केमन ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने देश में औद्योगिक व लॉजिस्टिक्स परिसंपत्तियों को डेवलप करने व उसके अधिग्रहण के लिए 75 करोड़ डॉलर का संयुक्त उद्यम बनाया है।
यह 80 व 20 फीसदी साझेदारी वाला सौदा होगा, जो टियर-1 व टियर-2 शहरों पर ध्यान केंद्रित करेगा। यह संयुक्त उद्यम 22 लाख वर्गफुट परिसंपत्ति के साथ शुरू होगा और मुंबई व ठाणे जैसे बड़े केंद्रों के करीब होगा।
हाल में वारबर्ग पिनकस के समर्थन वाली एम्बेसी इंडस्ट्रियल पाक्र्स के अधिग्रहण की दौड़ में शामिल रहने की खबर के बाद ईएसआर सुर्खियों में आई थी लेकिन मूल्यांकन में अंतर के कारण बातचीत टूट गई।
साल 2018 मेंं जीआईसी ने के रहेजा कॉर्प के साथ संयुक्त उद्यम बनाया था, जो देश में वेयरहाउस बनाने व उसके अधिग्रहण के लिए था, लेकिन यह बहुत ज्यादा आगे नहीं बढ़ पाया। जीआईसी ने वाणिज्यिक परिसंपत्तियों के लिए डीएलएफ के साथ संयुक्त उद्यम बनाया है और ब्रिगेड एंटरप्राइजेज के साथ गठजोड़ भी है।
जीआईसी के उप-प्रमुख (रियल एस्टेट) किशोर गोटेटे ने कहा, इंटरनेट के प्रसार के साथ भारत में ई-कॉमर्स में लगातार हो रही बढ़ोतरी से औद्योगिक व लॉजिस्टिक्स परिसंपत्तियों की मांग में मजबूती आने की संभावना है। उन्होंंने कहा, बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर, आपूर्ति शृंखला में बदलाव आदि से इसे सहारा मिलेगा। इनसे लाभ हासिल करने के लिए संयुक्त उद्यम बेहतर स्थिति मेंं है और यह शानदार रिटर्न सृजित करेगा।
ई-कॉमर्स की बढ़ती रफ्तार और जीएसटी लागू किए जाने के बाद कई निवेशकों मसलन कनाडा पेंंशन प्लान इन्वेस्टमेंट बोर्ड, वारबर्ग पिनकस और मॉर्गन स्टैनली ने देश के वेयरहाउस उद्यमों में निवेश किया है। कनाडा पेंशन प्लान ने एवरस्टोन के समर्थन वाली इंडोस्पेस में 1 अरब डॉलर से ज्यादा के निवेश से संयुक्त उद्यम बनाया है। वारबर्ग पिनकस ने एम्बेसी समूह के साथ संयुक्त उद्यम बनाया है और स्टेलर वैल्यू चेन में निवेश किया है, जिसे फ्यूचर सप्लाई चेन के पूर्व सीईओ अंशुमन सिंह ने शुरू किया है।
ईएसआर इंडिया के कंट्री हेड अभिजित मल्कानी और जय मिरपुरी ने कहा, रणनीतिक साझेदारी हमें भारत के तेजी से बढ़ रहे औद्योगिक व लॉजिस्टिक्स क्षेत्र की शुरुआती बढ़त को पूंजीकृत करने का मौका दे रहा है। जिससे हम अपने औद्योगिक व लॉजिस्टिक्स पोर्टफोलियो का विस्तार भी कर सकते हैं।
